आत्महत्या पर केजरीवाल राहुल में आगे निकलने की होड

Publsihed: 03.Nov.2016, 20:07

वन रैन वन पैंशन के मुद्दे पर पूर्व सैनिक राम किशन ग्रेवाल की आत्महत्या अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी में एक दूसरे से आगे निकलने की होड लग गई है. आज दोनो राम किशन ग्रेवाल के दाह संस्कार में शामिल होने पहुंचे , लेकिन केजरीवाल ने प्रभावित परिवार को एक करोड रुपए का अनुदान देने का एलान कर के राहुल गांधी पर बाजी मार ली. इस पर राहुल गांधी ने देर शाम जंतर-मंतर पर कैंडल मार्च शुरु कर दिया.

इंडिया गेट मार्च पर गिरफ्तारी

जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की इजाजत है, लेकिन इस के तुरंत बाद राहुल गांधी ने इडिया गेट तक मार्च का एलान कर दिया. जब कि इंडिया गेट पर प्रदर्शन पूरी तरह प्र्तिबंधित है. नब्बे के दशक में नरसिंह राव सरकार के समय प्र्तिबंध लगा था, तब मुरली मनोहर जोशी पर कांस्टिच्यूश्नन क्लब के सामने लाठीचार्ज हुआ था, और उन्हे गिर्फ्तार कर लिया गया था.इस लिए पुलिस उन्हे हिरासत में ले कर संसद मार्ग थाने ले गई. राहुल गांधी के समर्थको ने राहुल गांधी जिंदाबाद के नारे लगाने शुरु कर दिए. जिस पर पुलिस को हल्का लाठीचार्ज करना पडा. राहुल गांधी को जब संसद मार्ग थाने से जाने दिया गया तो उन्होने फिरोजशाह रोड से फिर इंडिया गेट की तरफ की ओर मार्च शुरु कर दिया, पुलिस उन्हेन फिर तुगलक रोड थाने ले गई.

केजरीवाल ने मारी बाजी

इस से पहले आज सुबह पूर्व सैनिक का दाह संस्कार राजनीतिक अखाडा बन कर रह गया. राहुल गांधी अपने पूरे दल बल के साथ दाह संस्कार में शामिल हुए, तो अरविंद केजरीवाल ने वहाँ पहुंच कर मृतक के परिवार को एक करोड रुपए की राहत का एलान कर के सारा शौ जीत लिया. एक सवाल के जवाब में अरविंद केजरीवाल ने कहा हाँ हम वन रैंक वन पैंशन की राजनीति कर रहे हैं और करेंगे.

खट्टर पर सुरजेवाला का प्रहार

यही बात कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने भी कही, उन्होने कहा कि रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पास पूर्व सैनिक को श्रद्धांजलि देने का समय भी नही. यह उन का अपमान है. सुरजेवाल ने कहा कि कांग्रेस वन रैंक वन पैंशन का मुद्दा संसद में उठाएगी, उन्होने कहा कि इस आत्महत्या से साबित हो गया कि वन रैंक वन पैंशन ठीक ढंग से लागू नहीं की गई है.

वी.के.सिंह का आत्मघाती बयान

उधर मोदी सरकार में अनुभवियो को किनारे करने और अनाडियो को मंत्री बनाने का नतीजा भी दिखाई दिया जब पहली बार संसद में पहुंचे और मंत्री बन गए जनरल वी.के.सिंह एक बार फिर विवादास्पद बयान दिया. उन्होने कहा है कि 'मैं इस विवाद में शामिल नहीं होना चाहता हूँ.' इसके आगे उन्होंने कहा कि 'मरने वाला सैनिक कांग्रेस का नेता था और कांग्रेस की टिकट पर सरपंच भी बनना चाहता था. बावजूद इसके वह एक सैनिक था और मैं उनकी मौत से दुखी हूँ.'

जनरल वी.के.सिंह रक्षा मंत्रालय के मंत्री नहीं है, इस के बावज़ूद वह रक्षा मंत्रालय से जुडे सवालो में उलझ कर सेना के मुद्दे बयान दे कर मोदी सरकार को मुश्किल में डालते हैं, अब प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने उन के इस बयान को मुद्दा बना लिया है.

मीडिया से बात करते हुए वन रैंक वन पेंशन पर वी के सिंह ने कहा कि इसमें अधिकतर चीजें दी जा चुकी है. सिंह ने आगे कहा कि 'यह 40 साल पुरानी मांग थी. जिसे इस सरकार ने पूरा किया. इसमें कुछ कमियां हैं. जिसको रेड्डी कमीशन ठीक करने की पूरी कोशिश कर रहा है. अगर आप इसका इंतज़ार नहीं करेंगे तो ये गलत होगा.

बता दें कि इस से पहले वी के सिंह के पूर्व सैनिक की आत्महत्या पर बयान ने विवाद पैदा कर दिया था. उन्होंने खुदखुशी करने वाले सैनिक की मानसिक स्तिथि की जांच करने की जरुरत पर बल दिया था. सच्चाई यह है कि जिस रेड्डी कमीशन की रिपोर्ट का इंतजार कर्तने की बात वी.के.सिंह ने कही है, वह रिपोर्ट तैयार कर रक्षा मंत्रालय को सौंपी जा चुकी है  और अब मंत्रालय को इसका अध्ययन कर इस पर निर्णय लेना है.

 

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