विपक्षी दल कांग्रेस भोपाल की मुठंभेड पर उसी तरह सवाल उठाए हैं, जैसे इशरत जहाँ मुठभेड ,बाटला हाऊस मुठभेड और अन्य उन मुठभेडो पर उठाए गए थे जिन में आतंकवादी मारे गए थे......मीडिया का एक वर्ग भी आतंकवादियो के समर्थन में खुल कर सक्रिय ओ गया है......और कुछ बुद्धिजिवियो ने भोपाल की मुठभेड पर सवाल उठाते हुए मारे गए आतंकवादियो से सहानुभूति प्रकट करनी शुरु कर दी है.....लेकिन सोशल मीडिया पर मुठभेड का खुल कर समर्थन भी शुरु हुआ है.अनेक लोगो का कहना ही कि आतंकवादियो को जेलो में रख कर खिलाने की बजाए फर्जी मुठभेडो में मारना ही अच्छा है. कुछ बानगी देखिए.
Ajit Singh की वाल से
भोपाल जेल से 8 सिमी आतंकी एक हेड कांस्टेबल की हत्या कर भागे ।
मध्य प्रदेश ATS ने सिर्फ 8 घंटे के अंदर आठों को encounter में मार गिराया गया ।
ATS को 100 में 100 नंबर ।
Congress का आरोप है कि फरारी और encounter की पूरी कहानी ही फ़र्ज़ी है ।
पहले जान बूझ के फरारी दिखाई गयी फिर जेल से 10 km दूर ले जा के एक नदी के किनारे पुलिस ने टपका दिया ।
अगर सचमुच ऐसा हुआ है और इस तरह टपकाया है तो MP की शिवराज सरकार , MP police और MP की ATS को 100 में से 200 नंबर ☺☺☺☺
देश की जेलों में बंद सभी आतंकियों को ऐसा इच टपकाना माँगता ☺☺☺
कांग्रेस के दिग्गी राजा सिमी के मारे गए आतंकियों की याद में आंसू बहाना शुरू कर दिया है ।
उनका कहना है कि ये फरारी और encounter ...... ये सब एक साजिश के तहत सरकार ने कराया है ।
कौन सी सरकार ने ?
MP govt ने ।
साजिश क्या है ?
साजिश है UP के आगामी विधान सभा चुनाव में भाजपा को स्पष्ट बहुमत दिलाने के लिए और मोदी का सीना फुला के 66 इंच करने की साजिश रची जा रही है । इस साजिश में अब तक तो सिर्फ Indian Army और BSF ही शामिल थी जो POK में घुस घुस के मार रही थी , Surgical Strike कर रही थी , 15 - 15 ranger मार रही थी , पाकिस्तान की चौकियां ध्वस्त कर रही थी ........पर अब तो मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार और MP police भी इस साजिश में शामिल हो गयी है ।
SIMI आतंकियों को मारने के पीछे एकमात्र उद्देश्य भाजपा को राजनैतिक फायदा पहुंचाना है ( ऐसा मानना है कांग्रेस और अन्य विपक्ष का )
पर कांग्रेस देश की नब्ज पकड़ने में चूक रही है । उसे समझना चाहिए कि आज देश में जो माहौल है उसमें यदि यह एक असली encounter था तो BJP को 100 पैसा फायदा होगा पर अगर वाकई ये encounter फ़र्ज़ी था और आतंकियों को जान बूझ के मार दिया गया तो ये मान लीजिए की भाजपा को 200 पैसे फायदा होगा ।
मोदी जी को कांग्रेस और विपक्ष को ख़त्म करने के लिए कोई विशेष प्रयास नहीं करना पड़ेगा । ये खुद इसी तरह SIMI और आतंकियों पाकिस्तानियों के पक्ष में घड़ियाली आंसू बहा के ख़त्म हो जाएंगे ।
विशाल महेश्वरी की वाल से
सिमी पर जनवरी 2001 में प्रतिबन्ध लगा था, 2008 में कुछ वक्त के लिए प्रतिबन्ध हटाया गया उसके कुछ ही दिनों बाद राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर इसे फिर से प्रतिबंधित कर दिया गया। भोपाल के सेंट्रल जेल में प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी का एक सरगना और कुख्यात आतंकवादी अबू फैजल समेत 35 आतंकी बंद हैं | जेल से अदालत तक ये आतंकी लगातार उद्दंडता करते, अदालत परिसर में नारेबाजी की वजह से पुलिस ने इनको अदालत लाना बंद कर दिया था। आतंकी जजों के साथ भी बदतमीजी करते थे। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इनकी पेशी कराई जाती थी। जेल में भी इनका खासा आतंक था। इनमे से 8 आतंकी दीवाली की रात करीबन 2 बजे एक पुलिसकर्मी की हत्या कर फरार हो जाते हैं |
इन 8 आतंकवादियों के फरार होने के बाद तक सवाल राज्य सरकार से होते हैं? पूछा जाता है कि ऐसी लापरवाही क्यों? जाहिर है पूछा भी जाना चाहिए | लेकिन जब सभी आतंकी मार दिए जाते तो सवाल बदल जाते हैं, अब सरकार से पूछा जा रहा है, क्या एनकाउंटर सुन्योजित था, फर्जी?
हाँ सुन्योजित ही था, कहानी मैं बताता हूँ | कल रात आतंकी जेलर से मिलते हैं | उनको बताते हैं हम अब जिन्दा नहीं रहना चाहते, हमे अपनी गलती का पछतावा हो रहा है | हमे खत्म कर दीजिए | इसके बाद जेलर साहब उन्हें अच्छी सी स्क्रिप्ट लिख कर देते हैं ,जैसा की हुआ है | आतंकी रात में फरार होते हैं और कुछ देर बाद मार दिए जाते हैं | बस अब खुश? फर्जी था या असली, मारे तो आतंकी ही गये न या बता ही दो आतंकियों के साथ क्या करना चाहिए?
उत्तम अग्रवाल की वाल से
भोपाल जेल से भागे 8 आतंकी मार गिराए गये,यह खबर हर चैनल पर चल रही है लेकिन NDTV में 8 कैदी मारे गए यह बताया जा रहा है
अब कैदी और आतंकी में फ़र्क़ बहुत होता है
सरकार जिसे आतंकी बोलती है वो NDTV के लिए सिर्फ कैदी बन कर रह गए
From the wall of Arun Partap Singh
The "poor under-trials who got killed in a so called fake encounter" according to the secularists had killed a head constable in order to run away! If they get killed in an encounter, why so much noise over it! Of course, every single encounter must be investigated, and it is good that NIA has been handed over the investigation into this case. But the politics over it is shameful! Nothing is more shameful than to raise questions over the encounter and expressing sympathy towards these SIMI terrorists. The word under-trial is a deliberately twisted description for them! That they killed a Police Head Constable is proof of their intentions!
विष्णु गुप्त की वाल से
ये तस्वीरें भोपाल एनकांउटर में मारे गये सिमी आतंकवादियों के हैं, इनके ब्राडेड जींद और सर्ट देखिये, इन्हें जेल में ब्राडेड जींस और शर्ट कौन उपलब्ध कराता था, भोपाल जेल में इनकी पूरी मौज थी, ये अंदर ट्रायल थे फिर भी इनकी मौज थी। सरकार और पुलिस का काम अब इनके मददगारों की गर्दन नापने का होना चाहिए। एनकाउंटर में मारे गये सभी सिमी आतंकवादी जेल की संतरी की हत्या कर भागे थे। अब तथाकथित सेकुलर जमात रोना-धोना शुरू कर दिया है। सरकार और पुलिस इन सिमी आतंकवादियों की मददगारों को पकड कर गर्दन नापेगी तो फिर वीरता का संदेश जायेगा।
वरिष्ट पत्रकार प्रवीण बागी की वाल से
भोपाल सेंट्रल जेल के हेड कांस्टेबल की हत्या कर जेल से भागे सिमी के 8 आतंकियों को भोपाल पुलिस ने मार गिराया। भोपाल से करीब 10 किमी की दूरी पर स्थित खेजरा गांव में ये आतंकी छिपे थे। ग्रामीणों ने संदिग्ध लोगों को गांव में देख पुलिस को सूचित किया। और पुलिस ने उनका काम तमाम कर दिया। इनमें से कुछ आतंकी पहले खंडवा जेल से भागने में कामयाब रहे थे। दोबारा पकड़ेजाने पर उन्हें भोपाल सेंट्रल जेल में बंद किया गया था। जेल से भागने के बाद कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने पूछा था कि वे भागे या भगाये गए ? उम्मीद है उन्हें जवाब मिल गया होगा। शाबास भोपाल पुलिस! KEEP IT UP. पापियों को जीवन से मुक्ति दे दी। शायद अगले जीवन में वे नेक इंसान बन सकें।
राकेश चौबे की टिप्पणी
सिमी के जेल से भागे आतंकियों को अगर मुठभेड़ में मारा है तो ठीक है,अगर जानबूझकर एनकाउंटर किया है तो,.इतनी ख़ुशी हम बर्दाश्त नहीं कर सकते
राजेश कटियार की वाल से
प्रकाश पर्व दीपावली के दिन भी दिग्विजय सिंह के दिमाग की बत्ती नहीं जली। हद है भाई।
राणा चम्पा ने लिखा
यलगार हो सारे जहन्नुम पहुंचा दिए गए हैं :D आज सोनिया जी रोयेंगी की नही.? जैसे बाटला हॉउस के आतंकियों के एनकाउंटर पर रोयीं थी..??
जितेंद्र प्रताप सिंह ने लिखा
एनकाउंटर असली था या नकली न पता है न मुझे जानना है मेरा मानना है कि SIMI के 8 आतंकियों का अंजाम असली है और आतंकियों का यही अंजाम होना चाहिए
अब कुछ फर्जी कहने वाले देशभक्तो की भी सुनो
संजय कुमार सिह की टिप्पणी
चम्मच और थाली के टुकड़े को हथियार कहने वाला गृहमंत्री का बयान आज ही के दिन आना था। तारीखों से दुश्मनी का संयोग।
........ थाली के टुकड़े से गर्दन काटकर हत्या कर दी - बेरहमी से। लेकिन देश का कानून इसके बदले मुठभेड़ या फर्जी एनकाउंटर की इजाजत नहीं देता है। आपको ठीक लगता है तो मैं कुछ नहीं कर सकता। और सुनने का क्या है मैंने सुना कि उनपर आरोप साबित नहीं हुए थे, वे बरी होने वाले थे और साजिशन उन्हें भगाया गया फिर मुठभेड़। कहानी तो मुठभेड़ से ज्यादा सच लगती है लेकिन सुनने का क्या है - बहुत कुछ सुनता रहता हूं।
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