तलाक की श्रीराम से तुलना पर सिब्बल जनता के कटघरे में

Publsihed: 17.May.2017, 15:52

तीन तलाक के मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में रोजाना सुनवाई चल रही है। सुनवाई के दौरान ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएमबी) ने अपने दलील में कुछ ऐसा कह दिया जिसका बीजेपी विरोध कर रही है। सोशल मीडिया पर भी लोग आवाज उठा रहें हैं।ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि अयोध्या में राम का जन्म आस्था का विषय है ऐसे ही तीन तलाक भी आस्था का विषय है। बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट किया कि ‘जहां ‘श्रीराम’ सबसे ज्यादा स्वीकार्य़ हैं वहीं मुस्लिम बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामें में खुद कहा है कि तीन तलाक अवांछनीय है। ऐसे में उनकी दलील (राम और तीन तलाक) अपने आप में विरोधाभाषी है।

इसके अलावा संबित पत्र ने दूसरा ट्वीट किया जिसमे उन्होंने जो दलील दी गई है उसे धमकी बताया है। इस मामले को लेकर लोग भी अपना विरोध ट्विटर पर व्यक्त कर रहें हैं। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने भी ट्वीट किया है।उन्होंने तीन तलाक को स्त्री शोषण की प्रथा बता दिया है।

गौरतलब है कि पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ जिसमें प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह केहर, न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ, न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन, न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित तथा न्यायमूर्ति एस। अब्दुल नजीर शामिल हैं, तीन तलाक की संवैधानिक मान्यता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं की सुनवाई कर रही है।

      

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