पनीर सिल्वम तमिलनाडू के सीएम होंगे, जयललिता नहीं रही

Publsihed: 05.Dec.2016, 19:59

अन्नाद्र्मुक की महासचिव और तमिलनाडू की मुख्यमंत्री जयललिता सम्भवत अब इस दुनिया में नहीं रही. इस तरह की खबरे तमिल के टीवी चेनलो ने आज शाम जारी कर दी थी. लेकिन अपोलो अस्पताल ने एक बयान जारी कर के कहा है कि जयललिता लाईफ स्पोर्ट पर है. इस का मतलब है कि जयललिता का हार्ट मशीन से काम कर रहा है. अन्नाद्रमुक के विधायको ने नया नेता चुनने के लिए बैठक बुला ली थी, सम्भवत: पनीर सिल्वम को मुख्यमंत्री चुना जाएगा,जबकि शशिकला को पार्टी का महासचिव चुना जाएगा. हालांकि अन्नाद्रमुक संसदीय दल के नेता थम्बी दुरैई को भी महासचिव बनाने की भी अटकले थी, लेकिन अस्पताल की ओर से विधिवत घोषणा नहीं किए जाने के कारण निर्णय टाल दिया गया. अब विधायक दल की बैठक कल फिर बुलाई गई है.

शशिकला रह गई मझधार में 

जयललिता के अस्पताल में भर्ती होने से पहले खबर थी कि जयललिता अपनी करीबी शहिकला का निलम्बन रद्द कर के उन्हे पार्टी का सह महासचिव नियुक्त कर रही है, शशिकला को जयललिता का उतराधिकारी माना जा रहा था, हालाकि उन्होने द्रमुक सासद को थपड्ड मार कर खुद को मुश्किल में डाल लिया था और जयललिता को लोकदिखवे के लिए शशिकला को पार्टी से निलम्बित करना पडा था. इस से पहले कि उन का निलम्बन रद्द होता और उन की उत्तराधिकारी के तौर पर नियुक्ति होती, जयललिता बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती हो गई. हालांकि शशिकला अस्पताल में जयललिता के साथ हैं.

की जा रही हैं पूरी तैयारिया 

केंद्र के मंत्री वैंकया नायडू चेन्नई पहुंच चुके हैं. भाजपा हाई कमान ने मंगलवार को होने वाली भाजपा संसदीय दल की बैठक टाल दी गई है, विपक्ष ने भी कल 6 दिसम्बर होने के बावजूद कोई रणनीति तय नहीं की है. तमिलनादू के वरिष्ठ भाजपा नेता सुब्र्हमणय्म स्वामी ने दोपहर को यह ट्विट कर के सभी को अश्चर्यचकित कर दिया कि शाम 6 बजे जेजे के बारे में घोषणा की जाएगी.

अपोलो ने किया मौत का खंडन

अपोलो अस्पताल ने शाम को जयललिता की मौत सम्बंधी खबरो का खंडन करते हुए कहा कि चिकित्सकों का एक दल तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता की सेहत पर निरंतर नजर रखे हुए है जबकि मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य पर मीडिया में लग रहीं अटकलों पर जयललिता के समर्थकों ने हंगामा और सुरक्षाकर्मियों पर पथराव किया.अपोलो ने कहा, ‘कुछ टेलीविजन चैनल गलत रिपोर्ट दे रहे हैं कि माननीय मुख्यमंत्री का निधन हो गया है. यह पूरी तरह निराधार और गलत है. उनको सलाह दी गई है कि वे इस विज्ञप्ति के आधार पर अपनी गलती सुधारें.’ अस्पताल के बयान में कहा गया है कि जयललिता जीवन रक्षक प्रणाली पर बनी हुई हैं और  ‘अपोलो के विशेषज्ञ और एम्स के विशेषज्ञ मुख्यमंत्री की सेहत पर निरंतर नजदीकी नजर बनाए हुए हैं.’

हिंसा की आशंका के कारण नहीं हो रही घोषणा

पुलिस को आशंका है कि जयललिता की मौत की खबर घोषित करते ही तमिलनाडू में जगह जगह बडे पैमाने पर हिंसा होगी. केंद्र सरकार ने राज्य पुलिस को सभी तैयारिया करने को कह दिया है. पडौसी रज्यो की सीमाएन सील कर दी गई हैं और बाहरी राज्यो के वाहनो के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. रेलवे स्टेशनो और एयरपोर्ट पर लोगो को सावधान किया जा रहा है. चेन्नई पहुंचने वालो को एयरपोर्ट पर कहा जा रहा है कि वे या तो एयर्तपोर्ट पर ही रहेन या फिर सिर्फ मेट्रो ट्रेन का ही इस्तेमाल करे. 

72 दिन से अस्पताल में

जे जयललिता पिछले 72 दिनों से अस्‍पताल में भर्ती हैं. रविवार को खबर आई थी कि वह डिस्‍चार्ज होने वाली हैं. लेकिन खबर आई कि उनको कार्डियाक अरेस्ट पड़ा है. यह खबर सुनते ही उनके समर्थक‍ चेन्‍नई के अपोलो अस्‍पताल के बाहर इकठ्ठा हो गए. वहीं कुछ लोग कह रहे हैं कि उनको हार्ट अटैक पड़ा है तो कुछ कह रहे हैं कि कार्डियाक अरेस्ट पड़ा है. बाद में अपोलो अस्पताल ने घोषणा की है कि जे जयललिता को कार्डियाक अरेस्ट पड़ा है.

हार्ट अटैक (हृदयाघात) और कार्डियाक अरेस्ट (हृदयगति रुकना) दोनों अलग-अलग चीजें हैं. 

हार्ट अटैक में मांसपेशियां हो जाती हैं निष्क्रिय 

हार्ट अटैक या मायोकार्डियल इनफ्रैक्शन तब होता है जब शरीर की कोरोनरी आर्टरी (धमनी) में अचानक गतिरोध पैदा हो जाता है। इस आर्टरी से ही हमारे हमारे हृदय की पेशियों तक खून पहुंचता है। जब हृदय की पेशियों तक खून पहुंचना बंद हो जाता है तो वो निष्क्रिय होने लगती हैं। यानी हार्ट अटैक में दिल के अंदर की कुछ पेशियां निष्क्रिय हो जाती हैं। धमनियों में आए ब्लॉक को दूर करने के लिए कई कई तरह के इलाज किए जाते हैं। अगर स्थिति गंभीर है तो उसके अनुसार एंजियोप्लास्टी, स्टेनिंग और सर्जरी के माध्यम से मरीज की आर्टरी के गतिरोध को दूर किया जाता है जिससे उसके दिल तक दोबारा खून पहुंच सके।

कार्डियाक अरेस्‍ट में दिल की धड़कन में पड़ता है बुरा असर

कार्डियाक अरेस्ट में दिल के अंदर वेंट्रीकुलर फाइब्रिलेशन पैदा होने की वजह से होता है। सरल भाषा में कहे तो दिल के अंदर विभिन्न अवयवों के बीच सूचना का आदान-प्रदान गड़बड़ा जाता है जिसकी वजह से दिल की धड़कन पर बुरा असर पड़ता है। स्थिति पूरी तरह बिगड़ने पर दिल की धड़कन रुक जाती है और व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। कार्डियाक अरेस्ट के इलाज के लिए मरीज को कार्डियोपलमोनरी रेसस्टिसेशन (सीपीआर) दिया जाता है जिससे उसकी उसकी हृदय गति को नियमित किया जा सके। मरीज को “डिफाइब्रिलेटर” से मरीज को बिजली का झटका दिया जाता है जिससे दिल की धड़कन को नियमित होने में मदद मिलती है।

जयललिता के इलाज में हुई साजिश

इस बीच एआईएडीएमके से निष्कासित सांसद शशिकला पुष्पा ने सीएम जयललिता के इलाज पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि अम्मा को इलाज के लिए दिल्ली क्यों नहीं लाया जा रहा है. साथ ही शशिकला ने अम्मा के इलाज में गड़बड़ी की बात कही है. सांसद ने इसके पीछे साजिश का भी हाथ बताया.

जयललिता

जयललिता जिंदा है या नहीं

शशिकला ने कहा कि उनकी तबीयत को लेकर कोई पारदर्शिता नहीं है. लोग जानना चाहते हैं कि वो जिंदा है या नहीं. पीएम मोदी को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए. मुझे संदेह है कि वहां कुछ तो गड़बड़ी है. दो महीने से किसी को पता नहीं है कि क्या चल रहा है. कुछ तो सीक्रेट है.

मैं भारत के पीएम मोदी से अनुरोध करती हूं कि उन्हें एम्स लाया जाना चाहिए। उनका इलाज सरकार के नियंत्रण में होना चाहिए, निजी अस्पताल के भरोसे नहीं। उनका कोई परिवार नहीं है. हम उनके बच्चे हैं, हमें उनकी चिंता है.

सिर्फ 5 लोगों को मिलने की है इजाजत

सांसद ने कहा कि पीएम से अनुरोध है कि एक आपातकाल कमेटी का गठन किया जाए, जो कि उनके स्वास्थ्य की जानकारी ले। ताजा जानकारी है कि उनकी स्थिति में सुधार हो रहा है. फिर क्यों विधायकों की बैठक बुलाई गई है? शशिकला नटराजन ने विधायकों की बैठक बुलाई है. शशिकला नटराजन को जयललिता का करीबी माना जाता है. जयललिता जिस कमरे में भर्ती हैं, वहां जाने की इजाजत सिर्फ 5 लोगों को है. इनमें जया की नजदीकी शशिकला भी हैं, जो उनके घर में ही रहती थीं। इसके अलावा फैमिली डॉक्टर शिवकुमार, राज्यपाल और दो अन्य लोग हैं. शशिकला पुष्पा को अम्मा ने पार्टी से बाहर कर दिया था. उन्होंने द्रमुक  के सांसद तिरुचि शिवा को सरेआम थप्पड़ मारा था.

 

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