इंडिया गेट न्यूज डाट काम ने 28 सितम्बर को खबर दी थी कि पाकिस्तान में नवाज शरीफ का तख्ता पलटने को नौबत आ सकती है. उसी रात भारत ने पीओके में सर्जिकल स्ट्राईक कर दी थी. नवाज शरीफ तब से घबराए हुए हैं. उन्होने सर्जिकल स्ट्राईक को तो भारत का झूठ करार दिया लेकिन केबिनेट की बार मीटिंगे, सेना अध्यक्ष से बार बार की मुलाकाते, संसद की बैठक बुलाया जाना खुद नवाज़ शरीफ का झूठ बेनकाब कर रहा है. एक तरफ पाकिस्तान की जनता यह मानने को तैयार नहीं कि 28 सितम्बर को भारत की तरफ से सर्जिकल स्ट्राईक नहीं हुआ,तो दूसरी तरफ पाक सेना सर्जिकल स्ट्राईक से हताश है.
अंतर्र्राष्ट्रीय दबाव में नवाज शरीफ आतंकवादियो के खिलाफ कार्रवाई करना चाहते हैं लेकिन पाकिस्तान की फौज़ उन का यह आदेश मानने को तैयार नहीं. पाकिस्तान के अखबार डान ने गुरुवार को खबर दी है कि नवाज शरीफ ने सोमवार को पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष राहिल शरीफ, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार निसार जंजुआ और आईएसआई के डीजी जनरल रिजवान अख्तर को बुला कर कहा है कि सारी दुनिया पाकिस्तान के खिलाफ होती जा रही है, इस लिए आतंकवादियो के खिलाफ कार्रवाई शुरु करनी चाहिए. नवाज शरीफ ने तीनो को इस लिए बुलाया था ताकि जब एक संगठन आतंकवादियो के खिलाफ कार्रवाई करे तो दूसरा संगठन आतंकवादियो का बचाव न करे. इस बैठक में मुख्य रूप से आतंकवाद को लेकर गहन चर्चा की गई और दो फैसले लिए गए।
इसमें से पहला फैसला तो ये था कि आईएसआई के डीजी जनरल रिजवान अख्तर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नासिर जंजुआ सभी चार प्रांतों में प्रॉविनेंस एपेक्स कमेटियों और आईएसआई सेक्टर कमांडरों के लिए ये संदेश लेकर जाएंगे कि अगर आईएसआई आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करे तो सेना के जवान इसमें कोई हस्तक्षेप न करें. दूसरा फैसला यह लिया गया कि पठानकोट मामले की जांच पूरी करने के लिए फिर से प्रयास किया जाएगा और रावलपिंडी एंटी-टेररिज्म कोर्ट में मुंबई हमले से जुड़े सभी ट्रायल को दोबारा शुरू कराया जाएगा। बताया जा रहा है कि नवाज सरकार द्वारा लिए गए इन फैसलों के बीच पाकिस्तानी पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ और आईएसआई के डीजी के बीच जमकर बहस भी हुई.
पाकिस्तानी सरकार द्वारा लिए गए इस फैसलों से यह तो साफ़ हो गया है कि मोदी और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मिल रहे अल्टीमेटम की वजह से नवाज शरीफ के दिल में कहीं न कहीं एक डर बैठ गया है. हालांकि, इन फैसलों को लेकर पाकिस्तान सरकार या आईएसआई की तरफ से आधिकारिक तौर पर कोई पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन फिर भी इस बात को लेकर मोदी से पाकिस्तान को डर लगने लगा लगा है कि पूरे विश्व में अपनी एक अलग पहचान बना चुके नरेन्द्र मोदी कहीं वाकई में पाकिस्तान को अलग-थलग न कर दें।
राहिल शरीफ को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह आतंकवादियो के खिलाफ कार्रवाई के लिए सेना को सहमत करे, लेकिन अखबार के मुताबिक राहिल शरीफ खुद ही नवाज़ शरीफ से सहमत नहीं हैं. इस लिए पाक सेना और निर्वाचित सरकार में टकराव की नौबत आ गई है. शरीफ का कार्यकाल खत्म होने वाला है और इस नजाकत मौके को देख कर पूर्व राष्ट्रपति एंव पूर्व सेनाध्यक्ष परवेज मुशरर्फ सक्रिय हो गए हैं. मुशरर्फ की सेना में बडी गहरी पकड है. भारत की ओर से पाकिस्तान के प्रति विदेश नीति में आए बदलाव के बाद पाकिस्तान की फौज और सरकार में कशमकश शुरु होने के आसार पैदा हो गए हैं. इस बात को समझते हुए हालांकि प्रधान मंत्री नावाज शरीफ फूंक फूंक कर कदम रख रहे हैं और हर कदम सेना प्रमुख राहिल शरीफ से पूछ कर उठा रहे हैं. लेकिन राहिल शरीफ का कार्यकाल खत्म होने वाला है.
ऐसे नाजुक मौके पर मुशरफ ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह पाकिस्तान को भूटान या नेपाल न समझे.परवेज़ मुशर्रफ ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘बर्थडे पर बधाई देने के लिए पहुंचना हमेशा काम नहीं आता.’ सार्क सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ना जाने पर परवेज मुशर्रफ ने कहा कि ‘अपनी मर्जी से पाकिस्तान आते हैं पीएम मोदी. एक तरफ नवाज शरीफ को बर्थडे पर बधाई देने आए दूसरी तरफ पाकिस्तान को दुनियाभर में बदनाम किया। इतना ही नहीं उन्होंने उरी हमले और पठानकोट हमले का जिम्मेदार कश्मीर मुद्दे को बताया.इस बीच अमेरिका ने पाकिस्तान से कहा है कि वह आतंकवाद का निर्यात करना बंद करे और अपनी सीमाओ को सील करे ताकि आतंकवादी सीमा पार न जा सके. पाकिस्तान पर बढते दबाव का असर पाक की सेना पर पड रहा है, जिस की प्रतिक्रिया बगावत के रूप में हो सकती है.
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