यह पाकिस्तान है जनाब, यहाँ बात बात पर फांसी दे दी जाती है

Publsihed: 17.Jun.2017, 07:22

30 साल के एक पाकिस्तानी शख्स तैमूर राजा को सिर्फ इस लिए सजा-ए-मौत दी गई है, क्योंकि उस ने फेसबुक पर बहस की थी | जिस व्यक्ति से बहस की थी वह एक सिपाही था | उस ने राज़ा पर आरोप लगाया कि उस ने फेसबुक पर बहस के समय मोहम्मद साहिब और सुन्नी नेताओं की बीवियों का तिरस्कार किया है |

तैमूर को जब पिछले साल गिरफ्तार किया गया था, तो यह खबर दुनिया भर के अखबारों में प्रमुखता से छपी थी और पाकिस्तान के रवैये की निंदा की गई थी | तैमूर के भाई वसीम अब्बास ने अमेरिका के एक अखबार को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि उस के भाई ने फेसबुक पर जातिवादी बहस में कुछ टिप्पणियाँ कर दी थी, बाद में पता चला कि जिस व्यक्ति से उस ने बहस की थी , मुहम्मद उस्मान नाम का वह व्यक्ति सरकारी अधिकारी था |

शुरू में जाति के आधार पर अपमानजनक टिप्पणी करने का केस दायर हुआ था , जिस के अंतर्गत दुसरे के धर्म के किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति के अपमान का केस बना था और अधिकतम दो साल की सजा का प्रावधान था | लेकिन सुनवाई के दौरान ही पाकिस्तान सरकार ने सोशल मीडिया पर हल्ला बोल दिया और पाकिस्तानियों पर ईश निंदा के केस बनाने शुरू किए तो राजा पर प्रोफेट मोहम्मद के अपमान का केस भी दायर कर दिया गया , जिस में उसे फांसी की सजा सुनाई गई है |

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