नोटबंदी पर घिरी सरकार, उठी जेपीसी की मांग

Publsihed: 16.Nov.2016, 18:17

विपक्ष ने आज राज्यसभा में 500-1000 के नोट बंदी के पहले कुछ घरानो को लीक होने और बाकी सदर्भो की सन्युक्त संसदीय समिति से जांच करवाने की मांग रखी. आज संसद सत्र के पहले दिन शुरु हुई बहस कल भी जारी रहेगी. पहले दिन नरेंद्र मोदी राज्यसभा में आए ही नहीं, जिस पर विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने एतराज जताया, विपक्ष ने मांग की है कि कल पीएम सदन में मौजूद रहे.आज की रात बनी विपक्ष की रणनीति पर कल की बहस निर्भर रहेगी. तृणमूल कांग्रेस ने बहस के बाद सदन में वोटिंग की मांग रख दी है. राज्यसभा में एनडीए का बहुमत नहीं है. 

एक महीने के लिए संसद का शीतकालीन सत्र आज 16 नवम्बर को शुरु हुआ तो लोकसभा की कार्यवाही सत्रावसान के दौरान नहीं रहे पूर्व सदस्यों और मौजूदा सदस्य को श्रद्धांजलि के बाद कल तक के लिए स्थगित कर दी गई. लेकिन राज्यसभा में नोटबंदी को लेकर विपक्ष ने सरकार का भारी विरोध और हंगामा किया.जिस पर सारी कार्यवाही स्थगित करते हुए नोटबंदी के मुद्दे पर ही बहस शुरु करवाई गई.

आनद शर्मा के प्रहार

बहस शुरु करते हुए कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा ने नोटबंदी के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर जमकर प्रहार किया. उन्होने कहा कि सरकार ने खास लोगो को खबर लीक कर दी थी, सबूत के तौर पर उन्होने अमर उजाला, जागरण और गुजरात के अखबार दिखाए, जिन में अक्तूबर में ही खबर छप गई थी. उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से देश का किसान, मजदूर और आम आदमी परेशान है. किसान को बीज के लिए पैसे चाहिए. आज किसान बैंक में 2000 के लिए लाइन में खड़ा है. किसान धोती में क्रेडिट कार्ड नहीं रखता है. सरकार ने सभी को अपराधी बना दिया. भारत को कालाबाजारियों का देश बना दिया गया है. 

आनंद शर्मा ने केंद्र सरकार पर देश का नाम खराब करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के इस फैसले से वैश्विक पटल पर देश का नाम खराब हुआ है. शर्मा ने कहा कि इससे ये संदेश गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था काले धन से ही चलती है. आनंद शर्मा ने नोटबंदी पर सवाल उठाते हुए कहा कि बीजेपी यूनियनों को फैसला लीक किया गया. बैंक से कैश निकासी पर रोक क्यों है? नोटबंदी से बेटियों की शादियां तक रुकी हैं. गरीब की लाश अस्पतालों में फंसी है. . 

शरद यादव की जेतली पर चुटकी

जेडीयू नेता शरद यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वित्त मंत्री अरुण जेटली का नाम लेते हुए इशारों ही इशारों में तंज कसा है. यादव ने कहा, 'नोटबंदी के फैसले के बारे में अरुण जेटली को भी नहीं पता था नहीं तो वे मुझे बता देते क्योंकि वो मेरे दोस्त हैं.' शरद यादव ने कहा है कि ये फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अकेले ही लिया है, इसके बारे में अरुण जेटली तक को नहीं पता था, क्योंकि अगर पता होता तो वे मुझे बता देते, वो मेरे दोस्त हैं. यादव के ऐसा कहते ही पूरे संसद में हंसी गूंज गई.

यादव ने कहा कि सरकार ने नोटबंदी का फैसला लेकर ऐसा काम किया जैसे कि कोई चलती राजधानी ट्रेन से कूद पड़े. उन्होंने कहा कि नोटबंदी से दलालों का रोजगार बढ़ गया है. यादव ने कहा, 'सरकार के इस फैसले ने पूरे देश को लाइन में खड़ा कर दिया है. देश का ईमानदार व्यक्ति लाइन में खड़ा है और बेईमान चैन से रह रहा है.' जेडीयू नेता ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि सरकार ने इतने न्यायसंगत तरीके से सोचा है कि देश का वृद्ध जवान, महिलाएं सभी एक साथ लाइन में खड़ा है. यादव ने कहा कि सरकार के इस फैसले से कालाधन बनाने वाले लोगों की दसों की दसों उगंलियां घी में पड़ गई हैं.

शरद यादव ने कहा कि नोटबंदी की सूचना सरकार के ऐलान के पहले ही लीक हो गई थी, इस मामले की जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'नोटबंदी की सूचना घोषणा के पहले ही लीक हो गई थी, इसकी जांच होनी चाहिए. जांच समिति में हमारे जैसे व्यक्ति को शामिल करना चाहिए.'

हालांकि जदयू के अध्यक्ष नीतिश कुमार ने आज मधुबनी में भाषण करते हुए कहा कि वह नोट बंदी का समर्थन करते हुए बेनामी सम्पति पर भी प्रहार करने की मांग करते हैं.

मायावती ने उठाई जेपीसी की मांग

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि नोटबंदी पर फैसला बिना तैयारी के लिए गया. पूरे देश में ऐसा महसूस हो रहा है जैसे आर्थिक इमरजेंसी लग गई हो. देश के कोने-कोने में चाहे शहर हो या देहात भारत बंद जैसा माहौल लग रहा है. लोग परेशान हैं, कई लोगों की मौत भी हुई है. उन्होंने ने कहा कि नोटबंदी से अस्पतालों में भी लोगों का बुरा हाल है. किसानों के पास बीज खाद के पैसे नहीं है. उनकी फसलें इस फैसले की वजह से रुक गईं हैं.

उन्होंने कहा कि पुराने नोट बदलने के सरकार के फैसले का बसपा पूरी तरह समर्थन करती है लेकिन इन सबके लिए आसान प्रक्रिया अपनाई जाए, लोगों को इस फैसले से काफी दिक्कत हो रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र को आम लोगों की परेशानियों का ध्यान रखना चाहिए. बसपा सुप्रीमो ने राज्यसभा में आगे कहा कि लोगों को रोजमर्रा की चीजें खरीदने में बहुत दिक्कत आ रही है. मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 10 महीने तक गोपनीय तैयारी की थी तो देश में ऐसे हालात क्यों हुए. यह दावा केवल खोखला है, क्योंकि देशभर में त्राहि-त्राहि का माहौल बना हुआ है.

येचुरी ने कहा आतंकवाद की फंडिंग नहीं रुकेगा

सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि 500 और 1000 रुपए के नोट बैन होने से भ्रष्टाचार पर रोक नहीं लगने वाली.उन्होंने केंद्र सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए राजनीतिक पार्टियों की कॉर्पोरेट फंडिंग पर रोक लगनी होगी. उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियों को चुनाव आयोग (EC) के माध्यम से सरकारी पैसों पर ही चुनाव लड़ना चाहिए.केंद्र सरकार ने बड़े नोट बंद करने के पीछे एक तर्क यह भी दिया था कि इससे आतंकवादियों की फंडिंग पर रोक लगेगी. उन्होंने कहा कि साल 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमलों के बाद से इस मुद्दे पर कई बार बात भी कर चुके हैं. नोटबंदी से आतंकवाद की फंडिंग किसी भी प्रकार की रोक नहीं लगेगी, क्योंकि आतंकवादी पीठ पर नोटों से भरा हुआ थैला टांगकर नहीं चलते. उनकी पूरी फंडिंग केवल इलेक्ट्रॉनिक ट्रांस्फर के जरिए ही होती है.

येचुरी ने राज्यसभा में ये भी कहा कि देश में 86 फीसदी करेंसी 500 और 1000 के नोटों के रूप में ही है और आज पूरा देश सिर्फ 14 प्रतीशत चालू करेंसी के भरोसे ही चल रहा है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि देश में कैश के रूप में कालाधन केवल 6 प्रतीशत है, जबकि ज्यादातर कालाधन अन्य माध्यमों के जरिए इधर-उधर ही होता है.

सीपीएम नेता ने कहा कि ज्वैलरी वाले धड़ल्ले से अपने कालेधन को सफेद कर रहे हैं. वे तरह-तरह के लोगों को संदेश भी भेज रहे हैं कि वे रातभर खुले हैं और 30 दिसंबर तक 500 और 1000 के नोट लेंगे. इस बीच सोने-चांदी की कीमतें भी उछल गई हैं. उन्होंने मोदी सरकार से भी पूछा कि आप इस तरह से कालाधन पकड़ रहे हैं या कालाधन रखने वालों को उसे सफेद करने का थडल्ले से मौका दे रहे हैं.

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