मुंबई: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेनामी संपत्ति की जांच के फैसले पर जमकर हमला किया. ठाकरे ने कहा है कि वह देश में बेनामी संपत्ति का पर्दाफाश करने के नाम पर जनता को कतई परेशान न करें. इस से पहले उद्धव ठाकरे सजिकल स्ट्राईक और नोटबंदी पर मोदी के खिलाफ बोल चुके हैं , जब मनमोहन सिंह राज्यसभा में बोले थे, तो उन्होने उनका समर्थन किया था.
शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय उद्धव ठाकरे ने में लिखा है कि नोटबंदी के बाद अब पीएम मोदी ने बेनामी संपत्तियों पर निशाना साधा है. यह एक अत्यंत सराहनीय कदम है, लेकिन नोटबंदी की तरह बेनामी संपत्तियां निकालने की आड़ में मध्यम वर्ग और गरीबों पर आंच न आए.
उन्होंने कहा कि बहुत सारे राजनेताओं, प्रवासी भारतीय, व्यापारी और माफिया ने अपना कालाधन पहले ही संपत्तियों में निवेश करके रखा है. लेकिन सबसे बड़ी विडंबना ये है कि पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले के बाद आम आदमी पर अब बेईमान होने का लेबल चिपका दिया गया.
सामना में लिखा है कि पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान स्विस बैंक में रखे भारतीयों की अवैध कमाई को वापस लाने का वादा किया था, लेकिन अभी तक एक रुपया भी नहीं आया है और न ही ऐसा धन रखने वालों को एक पैसे का भी नुकसान हुआ. नोटबंदी के फैसले से केवल आम जनता ने चोट सही है और 50 दिन पूरे होने के बाद भी जनता कष्ट झेल रही है.
ठाकरे ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान जनता ने बड़े मन से वोट किया था, लेकिन अब वे ही लोग खून के आंसू रो रहे हैं. ऐसे में भावुकता का क्या मतलब बनता है. उद्धव ने पीएम मोदी पर नोटबंदी के मामले में अकेले ही फैसले लेना का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सवा सौ करोड़ जनता का निर्णय एक व्यक्ति लेता है.
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