टीटीई से जुगाड कर ट्रेन बर्थ अब असम्भव होने जा रही है. रेलवे ने खाली बर्थ के लिए टीटीई के साथ होने वाली पैसे की लेनदेन को रोकने के लिए नया नियम बना दिया है. स्टेशन पर ट्रेनों के रुकते ही रिजर्वेशन कंफर्म नहीं हो पाने वाले यात्री ट्रेवल टिकट एग्जामिनर (टीटीई) को घेर लेते हैं. कई यात्रियों को अक्सर खाली बर्थ मांगते देखा जाता है. लेकिन अब टीटीई खुद बर्थ अलॉट नहीं कर सकेंगे. इसके बजाए खाली बर्थ से मौजूदा स्टेशन की वेटिंग क्लियर करने के बाद अगले स्टेशन पर अपने आप ही वहां से वेटिंग टिकट वाले यात्रियों को बर्थ अलॉट होती चली जाएंगी. अधिकारियों का कहना है कि ट्रेन में टीटीई के साथ अक्सर पैसे के लेनदेन को लेकर शिकायतें भी होती थीं. अब बर्थ अपने आप कैरी फॉरवर्ड हो जाएगी. टीटीई के हाथ में कुछ होगा ही नहीं.
मान लो आप दिल्ली से कोई ट्रेन लेते हैं और जिस ट्रेन में आप हैं उसमें दिल्ली से 10 रिजर्व बर्थ खाली रह गई हैं तो ट्रेन के रवाना होने से पहले ही ये सभी अगले स्टॉपेज के लिए अलॉट हो जाएंगी. अगर अगले स्टॉपेज पर भी सीट खाली रहती हैं तो फिर ये सिलसिला तब तक चलता रहेगा जब तक सभी सीटें भर न जाएं.
इस के अलावा अब से आप रेलवे की वेबसाइट पर जाकर खुद अपने सामन को लोकेट कर सकते हैं और अपने पते पर थोड़े से खर्चे में मंगा भी सकते हैं। इसके आलावा अब से यात्रा के दौरान महंगा सामना ले जाते हुए आप सामान का बीमा भी करा सकते हैं.
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने हाल ही में अधिकारियों को सलाह दी है कि यात्रियों के गुमशुदा सामान को ढूंढने के लिए सिस्टम तैयार किया जाए। ऐसे मामले जिसमें सामान चोरी नहीं हुआ है और यात्री का सामान रेल में ही रह गया है, वह उसे वापस लौटाया जाए। इसके लिए रेलगाड़ी में गुमशुदा सामान के लिए खास वेबसाइट बनाई जाए, जहां यात्री अपना सामान ढूंढ पाएं। यात्रा के दौरान सामान चोरी हो जाने पर बीमा करने पर भी विचार हो रहा है। फिलहाल ये दोनों सुविधाएं देने के लिए रेलवे अधिकारी कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
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