बीती रात 11.30 बजे तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता का निधन होने के बाद रात सवा एक बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले पन्नीरसेल्वम भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह अपने शुरुआती जीवन में चाए बेचते रहे हैं. राजनीति में आने से पहले भी पन्नीरसेल्वम एक कैंटीन चलाते थे. ऐसे में एक कैंटीन चलाने वाला किस तरह आज मुख्यमंत्री पद पर पहुंच गया. यह जानना बेहद दिलचस्प होगा.
जब खोली थी कैंटीन
14 जनवरी 1951 को जन्में ओ पन्नीरसेल्वम कभी चाय भी बेचा करते थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक तमिलनाडु के नए मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम पहले एक कैंटीन के मालिक थे और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह किसी दौर में चाय बेचा करते थे. उन्होंने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर चाय स्टॉल खोला था और बाद में अपने दोस्त की मदद से ही राजनीति में उन्होंने कदम रखा. पन्नीरसेल्वम ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत पेरियाकुलम नगरपालिका के चेयरमैन के तौर पर की थी.
पहले 6 माह का कार्यकाल
2001 में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद जयललिता को मुख्यमंत्री पद से हटना पड़ा था जिसके बाद पनीरसेल्वम ने राज्य के 13वें मुख्यमंत्री के तौर पर कमान संभाली थी.सिर्फ 6 माह के अपने कार्यकाल का निर्वाह करने के बाद 2002 में उपचुनाव जीतकर जयललिता फिर मुख्यमंत्री बन गईं थी.
दूसरी बार फिर संभाली कमान
2011 में विधानसभा चुनाव में जीत के बाद उन्हें वित्त मंत्री का पद मिला और 2014 में जयललिता पर फिर भ्रष्टाचार के आरोप लगे. जिस कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा था और उस समय भी पनीरसेल्वम ने राज्य की एक बार फिर से कमान संभाली थी. कमाल की बात यह है कि 29 सितंबर, 2014 से 22 मई, 2015 तक वह पद पर बने रहे, लेकिन कभी जयललिता की कुर्सी पर नहीं बैठे. पन्नीरसेल्वम ने अब तीसरी बार मुख्यमंत्री का पद सम्भाला है.
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