नई दिल्ली। राष्ट्रपति के चुनाव की घोषणा 19-20 मई को और अधिसूचना जून के पहले हफ्ते में होने की संभावना है | अगर जरुरत पडी तो जुलाई के तीसरे हफ्ते में वोटिंग होगी | नया राष्ट्रपति 25 जुलाई को शपथ लेगा | एनडीए को सिर्फ 13 हजार वोट कम पद रहे थे | आंध्र प्रदेश के जग्गन रेड्डी और तेलंगाना के चन्द्र शेखर राव की ओर से एनडीए के समर्थन की घोषणा के बाद एनडीए का सपष्ट बहुमत हो चुका है | जग्ग्न्मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस के 7 सांसद और 45 विधायक हैं | टीआरएस के 12 सांसद और 90 विधायक हैं |
इस स्पष्ट बहुमत के अलावा अन्नाद्रमुक की ओर से भी एनडीए को समर्थन का एलान होने वाला है | अन्नाद्रमुक के सांसदों विधायकों के वोटों की संख्या 1 लाख से ज्यादा है| इस लिए एब यह स्पष्ट हो गया है कि विपक्ष भले ही साझा उम्मीन्द्वार खडा करे, एनदीए उम्मीन्द्वार की जीत तय है | कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्ष की तरफ से कमान संभाली हुई है। सोनिया रोज किसी न किसी विपक्षी नेता से मुलाकात कर रही हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को बगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की।
ममता बनर्जी ने कहा कि राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष का उम्मीदवार आम सहमति से तय होगा। वहीं, बीजेपी ने उम्मीदवार को लेकर अपने पत्ते अब तक नहीं खोले हैं। लोकसभा और राज्य सभा के 771 सांसदों के कुल 5 लाख 45 हजार 868 वोट हैं। जबकि पूरे देश में 4120 विधायकों के 5 लाख 47 हजार 786 वोट। इन दोनों को जोड़ दिया जाए तो कुल वोट हुए 10 लाख 93 हजार 654। और जीत के लिए आधे से एक ज्यादा यानी 5 लाख 46 हजार 828 वोट चाहिए। लोकसभा में अभी एनडीए के पास 339 सांसद हैं और राज्यसभा में 74 सांसद हैं। क्योंकि मनोनीत सांसद राष्ट्रपति चुनाव में वोट नहीं देते इसलिए लोकसभा के 337 सांसद और राज्यसभा के 70 सांसद वोट देंगे। एक सांसद के वोट का मूल्य 708 होता है। इस हिसाब से लोकसभा में एनडीए के 2 लाख 38 हजार 596 वोट हैं और राज्यसभा में एनडीए के 49 हजार 560 वोट हैं। यानी एनडीए के सांसदों के 2 लाख 88 हजार 156 वोट हुए। देश भर के एनडीए विधायकों को जोड़ने के बाद 13 हजार 751 वोट कम पड़ते थे, जो वाईएसआर और टीआरएस पूराकर चुका है |
उधर ज्यादातर विपक्षी दलों ने सोनिया का समर्थन करने का ऐलान भी किया है। इस बीच कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी कई नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं। बताया जा रहा है जब पिछले हफ्ते सोनिया गांधी अस्पताल में भर्ती में थी तो उन्होंने वहीं से ममता बनर्जी से फोन पर बात की थी। इससे पहले सोनिया जनता दल युनाइटेड के नेता नीतीश कुमार, एनसीपी अध्यक्ष शरद यादव से भी मुलाकात कर चुकी हैं जबकि राहुल गांधी सीपीआई के सीताराम येचुरी और सपा नेता अखिलेश यादव से मिल चुके हैं।
राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष का उम्मीदवार तय किए जाने के सिलसिले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद ममता बनर्जी ने भाजपा-नीत केंद्र सरकार पर विरोधी नेताओं के खिलाफ ‘बदले की राजनीति’ करने का आरोप लगाया। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने यह बात राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के खिलाफ आयकर विभाग और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे के खिलाफ सीबीआई की छापेमारी के संदर्भ में कही।
उन्होंने कहा, “बदले की राजनीति की जा रही है। सुबह से जो कुछ किया जा रहा है, हमने उस पर भी चर्चा की। राजनीतिक लड़ाई राजनीतिक तरीके से लड़ी जानी चाहिए। वे (भाजपा) जिन लोगों को पसंद नहीं करते, उन पर आरोप लगा रहे हैं, उसके खिलाफ छापेमारी करवा रहे हैं, उन्हें जेल भिजवा रहे हैं।”
ममता ने कहा कि विपक्षी पार्टियों के नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “कई लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। लालूजी, मायावती, अखिलेश (यादव), नवीन पटनायक, चिदंबरम, केजरीवाल और हमारी पार्टी को भी। यह उचित नहीं है।” ममता ने कहा कि मीडिया पर भी दबाव डाला जा रहा है। उन्होंने कहा, “लेकिन भारत एक लोकतंत्र है। हम कभी नहीं चाहेंगे कि लोकतंत्र ध्वस्त हो।”
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