हिसार का चुनाव नतीजा कांग्रेस के लिए ही नही, भाजपा के लिए भी सबक लेने का मौका है. कांग्रेस ने अपनी साख बेह्द खराब कर ली है. जमानत जब्त होना कांग्रेस के लिए चिंता का विषय होना चाहिए. टीम अन्ना कांग्रेस के खिलाफ प्रचार करने ना जाती तो उसकी जमानत कतई जब्त नही होती. टीम अन्ना भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाने में कामयाब रही. इससे यह भी जाहिर हो गया है कि देश की जनता भ्रष्टाचार से कितनी त्रस्त है. जो लोग यह मानते हैं कि भ्रष्टाचार अब चुनावी मुद्दा नही बनता उनके लिए भी यह चुनाव बडा सबक है. देश की जनता को अगर कोई सही वकत पर जगा दे, तो वह जग भी जाती है. कांग्रेस के लिए बेह्द चिंता का विषय यह है कि 2 जी घोटाले का ठीकरा ए.राजा या द्र्मुक के सिर फोड्ने का उसका प्रयास पुरी तरह विफल हो गया है. कांग्रेस अब तक जनता को यह समझाने की कोशिश कर रही थी कि 2 जी घोटाले से उसका कुछ लेना देना नही है. हिसार चुनाव नतीजे का एक मतलब यह भी है कि देश की जनता मन्त्रिमन्डल की सामुहिक जिम्मेदारी के सिद्धांत को समझती है. हिसार की जनता का फैसला यह है कि उसे सविधान का मनमाना अर्थ निकाल कर कांग्रेस का खुद को 2 जी घोटले से बरी बताना मंजूर नही है. देखना यह होगा कि कांग्रेस इस चुनाव नतीजे के बाद अन्ना ह्जारे को मनाने की कोशिश करेगी या 2जी जांच की गल्ती को दुरुस्त करते हुए पी.चिदम्बरम के खिलाफ भी कार्र्वाई करेगी. हिसार की हार का ठीकरा भूपिंद्र सिन्ह हुड्डा के सिर फोड कर कांग्रेस पतली गली से निकलने की कोशिश करेगी, तो बडी गलती करेगी.
भाजपा के लिए भी सबक लेने की घडी है यह. टीम अन्ना की कांग्रेस विरोधी मुहिम का सीधा फायदा भाजपा और जनहित कांग्रेस गठ्बंधन को मिला. अन्ना हजारे का समर्थन ना होता तो उसके हरियाणा जनहित कांग्रेस गठ्बंधन का क्या होता. हिसार भजनलाल परिवार की परम्परागत सीट है. लेकिन भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई भाजपा और अन्ना हजारे के समर्थन के बावजूद सिर्फ 6323 वोटो से जीत पाए हैं. जबकि औमप्रकाश चोटाला के बेटे को किसी का समर्थन नही था इसके बावजूद वह सिर्फ 6323 वोटो से हारे. अजय चोटाला हिसार के नही बल्कि सिरसा के रहने वाले हैं. कुलदीप बिश्नोई को अगर अन्ना हजारे का फायदा और भाजपा का समर्थन नही मिलता तो उनकी अजय चोटाला के हाथो हार तय थी. भाजपा ने जो गल्ती हरियाना विधानसभा चुनावो के वक्त की थी, वही गल्ती फिर दोहरा रही है. विधानसभा चुनावो मे अगर इनलोद भाजपा गठ्बंधन होता तो कांग्रेस चुनाव हार जाती. ह्जका का प्रभाव क्षेत्र ज्यादा से ज्यादा हिसार है, अगर हिसार मे उसकी यह हालत है, तो बाकी हरियाना मे उसका क्या हाल होगा. भाजपा ने भी हिसार से सबक नही सीखा तो उसका भी हरियाना मे कोई भविष्य नही.
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