अब तक लोग यही समझते थे कि मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री पद को दिए गए काम की तरह निभा रहे हैं, सीधे तौर पर राजनीति में ज्यादा दिलचस्पी नहीं लेते। लेकिन आम धारणा के विपरीत अब ऐसी स्थिति नहीं रही। विपक्ष के नेता लाल कृष्ण आडवाणी को भी उस समय झटका लगा, जब कर्नाटक के सांसदों के साथ प्रधानमंत्री से मिलने गए और वहां पर मनमोहन सिंह ने एक सांसद राजीव चंद्रशेखर से पूछ लिया कि वह किस पार्टी में हैं। प्रधानमंत्री किसी सांसद के बारे में इतनी जानकारी रखते होंगे, यह आडवाणी के लिए हैरानी में डालने वाली बात थी। राजीव चंद्रशेखर भाजपा के सांसद नहीं। वह कभी कांग्रेस के साथ दिखाई देते हैं तो कभी जेडीएस के साथ। उन्हें भाजपा प्रतिनिधिमंडल में देखकर मनमोहन सिंह ने जानबूझकर सवाल किया था। मूल रूप से केरल के उद्योगपति कर्नाटक से राज्यसभा में ठीक उसी तरह चुनकर आए थे, जैसे कर्नाटक से ही विजय माल्या, महाराष्ट्र से राहुल बजाज और उत्तर प्रदेश से पहली बार राजीव शुक्ल जीतकर आए थे।
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