नेगेटिव आयकर आदर्श स्थिति होगी

Publsihed: 29.Mar.2019, 15:27

एयर स्ट्राईक के सबूत मांग कर बेकफुट पर आई कांग्रेस चुनावी बहस को कृषि-किसान, बेरोजगारी जैसे आर्थिक मुद्दों पर ले जाना चाहती है , इस लिए राहुल गांधी ने चुनाव घोषणा पत्र की न्यूनतम आय योजना को पहले लीक किया |

इंडिया गेट से अजय सेतिया

कांग्रेस की प्रस्तावित योजना यह है देश का कोई भी ऐसा परिवार न हो जिस की न्यूनतम आय 12000 रूपए मासिक से कम हो | जिस भी परिवार की आय इस से कम होगी, उस की भरपाई सरकार करेगी | वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस की इस योजना की खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि एनडीए सरकार अपनी विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत इस से ज्यादा राहत तो पहले ही दे रही है | राहुल गांधी अपनी प्रस्तावित योजना को ठीक से समझा नहीं पाए, इस लिए सोशल मीडिया पर उन की खिल्ली उडाई गई , लेकिन गरीबी हटाने के लिए यह एक सार्थक योजना हो सकती है |

यह ऐसी योजना नहीं है, जिस पर पहले कहीं विचार नहीं किया गया हो | इसे नेगेटिव आयकर के रूप में जाना जाता है | एक व्यक्ति की न्यूनतम आय तय कर दी जाती है , उस से ऊपर की आमदनी पर टेक्स लगता है , और जिस की आमदनी उस से कम होती है उसे बाकी राशि की भरपाई की जाती है | इस लिए न्यूनतम 12000 कह कर भी राहुल गांधी ने अधिकतम 6000 मासिक के हिसाब से सालाना 72000 कहा | यह इस लिए कि लोग काम चोर न हो जाएं, जैसा कि मनरेगा में देखने को मिला | इस्राइल में यह योजना सफलतापूर्वक चल रही है | राष्ट्रपति निक्सन ने 1971 में नेगेटिव आय कर योजना को समूचे अमेरिका में लागू करने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन अमेरिकन कांग्रेस से इस की मंजूरी नहीं दी | अलबत्ता बुजुर्गों और अपंगों के लिए योजना लागू की गई, जिसे सप्लीमेंट स्क्यूरिटी नाम दिया गया |

न्यूनतम आय योजना अर्ध-बेरोजगारी भत्ते की तरह है | सम्भवत : कांग्रेस का घोषणा पत्र इस पर विस्तार से प्रकाश डालेगा | इस की तुलना हम जीएसटी से भी कर सकते हैं | जैसे जीएसटी में विभिन्न करों को समाप्त कर के एक कर प्रणाली लागू की गई है, उसी तरह समाज कल्याण की विभिन्न योजनाओं को बंद कर के न्यूनतम आय योजना को लागू किया जाए, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति सरकारी सब्सिडी की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने के लिए अलग अलग दफ्तरों के चक्कर लगाने के बजाए सीधे अपने खाते में पैसा प्राप्त कर ले | जैसे जीएसटी लगाने से विभिन्न सरकारी कार्यलय बंद हो गए है और सरकारी नौकरियां घटी हैं, उसी तरह विभिन्न मंत्रालयों में चल रही समाज कल्याण योजनाएं बंद होने से ब्यूरोक्रेसी का काम भी खत्म होगा |

राहुल गांधी ने 12000 न्यूनतम आय किस आधार पर रखा है, इस सम्बन्ध में कोई जानकारी नहीं दी, क्या पांच सदस्यों के एक परिवार के लिए बारह हजार रूपए घर चलाने के लिए काफी हैं , अगर ऐसा है तो बारह हजार से अधिक आमदनी पर आयकर लगना चाहिए , लेकिन ऐसा नहीं है | हालांकि पांच सदस्यों का एक परिवार एक कमरे के मकान में नहीं रह सकता , लेकिन महानगरों एक कमरे का मकान भी 12 हजार रूपए किराए पर नहीं मिलता | किसी सरकारी एजेंसी के पास ये आंकड़े मौजूद नहीं हैं कि 12 हजार से कम आमदनी वाले परिवार कितने हैं, पता नहीं यह 5 करोड़ परिवारों का आंकडा कहाँ से आया | 

वैसे न्यूनतम आय योजना को तभी लागू किया जा सकता है, जब सरकार बाकी सभी कल्याणकारी योजनाओं को बंद करे | इस योजना की तुलना हम मोदी सरकार की गैस रसोई सब्सिडी योजना से कर  सकते हैं, जिस में उपभोक्ता को पहले सिलेंडर के पूरे पैसे देने पड़ते हैं , फिर सब्सिडी सीधे उस के खाते में आ जाती है | एक तरह से मोदी सरकार की गैस सब्सिडी योजना की तर्ज पर  कांग्रेस सभी सरकारी योजनाओं को बंद कर के एक योजना में लागू करने का प्रस्ताव रख रही है | इस से सरकारी योजनाओं की लीकेज बंद हो जाएगी , जिस का जिक्र राजीव गांधी ने अस्सी के दशक में यह कहते हुए किया था कि दिल्ली से एक रुपया भेजते हैं , तो नीचे 15 पैसे पहुंचते हैं | लेकिन इस का क्या भरोसा है कि न्यूनतम आय योजना का लाभ गलत हाथों में नहीं जाएगा , आखिर करोड़ों की तादाद में फर्जी राशन कार्ड भी तो पकड़े गए हैं |

पुलवामा की घटना के बाद नरेंद्र मोदी ने बालाकोट में बदला लेकर  सारे देश का ध्यान कश्मीर , आतंकवाद और पाकिस्तान की ओर मोड़ दिया था | उस के बाद हुए सभी सर्वेक्षणों में स्पष्ट आया है कि भारतीय जनता पार्टी स्पष्ट बहुमत पा लेगी | एयर स्ट्राईक के सबूत मांग कर बेकफुट पर आई कांग्रेस चुनावी बहस को कृषि-किसान, बेरोजगारी जैसे आर्थिक मुद्दों पर ले जाना चाहती है , इस लिए राहुल गांधी ने चुनाव घोषणा पत्र की न्यूनतम आय योजना को पहले लीक किया है  , हालांकि अभी इस पर आर्थिक विशेषज्ञों से सलाह मशविरा चल रहा है | जबकि नरेंद्र मोदी अभी भी चुनाव को भावनात्मक मुद्दों पर ले जाना चाहते हैं , इस लिए बुधवार को उन्होंने एंटी सेटलाईट आपरेशन की सफलता को भुनाने लिए राष्ट्र के नाम सम्बोधित कर के जग जाहिर किया, जबकि यह वैज्ञानिकों को करना चाहिए था | 

 

 

 

 

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