नई दिल्ली | लखनऊ के तन्वी सेठ पासपोर्ट मामले में अब निर्णायक मोड़ आ गया है।पासपोर्ट आवेदन के समय धार्मिक आधार पर विवाद खड़ा करने वाले दंपती तन्वी सेठ उर्फ सादिया अनस और उनके पति मोहम्मद अनस सिद्दीकी का पासपोर्ट जब्त कर लिया गया है | पासपोर्ट रद्द करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है | साथ ही गलत सूचना देने तथा हंगामा करने में इन पर पांच हजार रुपया का जुर्माना लगाया गया है।
लखनऊ की तन्वी सेठ और उनके पति मोहम्मद अनस सिद्दीकी को पासपोर्ट रद करने की कार्रवाई से संबंधित नोटिस दे दिया गया है। क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी पीयूष वर्मा के लखनऊ पहुँचने के बाद कल इनका पासपोर्ट जब्त किया गया था। तन्वी सेठ उर्फ सादिया अनस ने 19 जून को नया पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था जबकि मोहम्मद अनस सिद्दीकी ने अपना पासपोर्ट रिन्यू कराने के लिए जमा किया था। तन्वी सेठ के नया पासपोर्ट के मामले में पुलिस ने इनके ऊपर तीन मामले निकाले हैं।
तन्वी ने पासपोर्ट अधिकारी को बताया था कि वह नोयडा में नौकरी तो करती है, लेकिन उस का काम एसा है कि वह घर से ही काम कर सकती है इस लिए वह लखनऊ ही रहती है | लेकिन पुलिस ने उस के मोबाईल की डिटेल में पाया है कि वह 14 जून से पहले लगातार नोयडा में ही रह रही थी | लखनऊ में उस के ससुराल वाले भी उस के वहां रहने के कोई सबूत नहीं दे सके |
तन्वी पर यह भी आरोप है कि इन्होंने शादी के बाद नाम बदलने की किसी को भी इसकी सूचना नहीं दी। नोएडा में पिछले 11 वर्ष से निवास करने की जानकारी भी नहीं दी। तन्वी सेठ के पासपोर्ट की जांच करने के लिए ससुराल, कैसरबाग पहुंची पुलिस व स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआईयू) को उसके यहां (लखनऊ) रहने से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं मिले।
दो घंटे की पड़ताल और तन्वी के ससुरालीजनों से बातचीत के बाद टीम खाली हाथ लौट आयी। तन्वी ने पासपोर्ट के आवेदन में जो ब्यौरा दिया है उसके मुताबिक वह गोंडा में जन्मी हैं और कैसरबाग में नाज सिनेमाहॉल के पास चिकवाली गली झाऊलाल बाजार में रहने वाले अनस से उन्होंने शादी की है।
उन्होंने अपने आवेदन में नोएडा में रहने की बात भी लिखी है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के मुताबिक गोंडा से जांच करा ली गई है। पुलिस और एलआईयू की टीम तन्वी की ससुराल गई थी जहां उसके ससुर ए. सिद्दीकी व अन्य सदस्य मिले। टीम ने दो घंटे तक तन्वी के वहां रहने के साक्ष्य व दस्तावेज मांगे, लेकिन ससुराल वाले कुछ भी नहीं दे सके। पासपोर्ट अधिनियम के मुताबिक आवेदक जो पता लिख रहा है, उस पर एक साल रहना जरूरी है। तन्वी ने कैसरबाग स्थित ससुराल का पता दिया है लेकिन वह एक साल से वहां नहीं रह रही हैं। यह आधार उनका पासपोर्ट खारिज करने के लिए पर्याप्त है।
पासपोर्ट के आवेदन में अगर कोई जानकारी गलत पाई गई, तो उनके खिलाफ पासपोर्ट अधिनियम के तहत प्राथमिकी भी दर्ज की जा सकती है। हालांकि, इस मामले में पुलिस खामोश है। चूंकि यह मामला सोशल मीडिया पर चर्चा बना हुआ है इसलिए पुलिस पासपोर्ट की जांच को लेकर भी कोई टिप्पणी नहीं कर रही।
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