नई दिल्ली: प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को उम्मीद व्यक्त की है कि संसद का शीतकालीन सत्र सार्थक होगा जहां दूरगामी प्रभाव पैदा करने वाले सरकार के महत्वपूर्ण कामकाज पर संसद में अच्छी एवं सकारात्मक चर्चा होगी उन्होंने कहा कि सदस्यों के नवोन्मेषी सुझाव से संसद का उपयोग देश की समस्याओं के समाधान में हो सकेगा. प्रधानमंत्री ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘संसद का हमारा शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है| मुझे विश्वास है कि 2017 में प्रारंभ हो रहा यह शीतकालीन सत्र, जो 2018 तक चलेगा, उसमें सरकार के कई महत्वपूर्ण कामकाज सदन में आयेंगे जो दूरगामी प्रभाव पैदा करने वाले हैं |
इस से पहले आज लोकसभा की कार्रवाई शुरू होते ही दिवंगत सांसदों को श्रद्धांजलि दी गयी और फिर सोमवार तक के लिए सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी गई । वहीं कार्यवाही के दौरान लोकसभा के नवनिर्वाचित सांसद सुनील जाखड़ ने पद की शपथ ली। सुनील जाखड़ लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष बलराम जाखड़ के बेटे हैं। सुनील जाखड़ ने फिल्म स्टार एवं सांसद विनोद खन्ना के निधन के बाद खाली हुई गुरदास लोकसभा सीट से उपचुनाव जीता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रिमंडल में शामिल नए सदस्यों से सदन का परिचय कराया, जिनमें रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, रेल मंत्री पीयूष गोयल और अन्य हैं। मोदी ने सितंबर में अपने मंत्रिपरिषद में बदलाव कर नौ नए चेहरों को शामिल किया था। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने तीन निवर्तमान सांसदों और कांग्रेस नेता प्रियरंजन दासमुंशी सहित कुछ पूर्व सांसदों को श्रद्धांजलि देन के बाद सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी।
बाद में संसद भवन के गलियारे से गुजरते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद में अच्छी बहस हो, सकारात्मक बहस हो, नवोन्मेषी सुझावों के साथ बहस हो, तो संसद के समय का उपयोग देश की समस्याओं के निवारण के लिए अधिक कारगर ढंग से हो सकेगा | ’’उल्लेखनीय है कि सत्र के दौरान 25 लंबित विधेयक और 14 नये विधेयक पेश किये जाने की उम्मीद है जिसमें तीन तलाक से संबंधित एक विधेयक भी शामिल हैं. मोदी ने कहा कि आमतौर पर दिवाली के साथ-साथ ठंड का मौसम भी प्रारंभ हो जाता है.
लेकिन ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन इसका प्रभाव है कि अभी भी ठंड उतनी मात्रा में अनुभव नहीं हो रही है. प्रधानमंत्री ने कहा कि कल भी हमारी सर्वदलीय बैठक हुई, उसमें भी स्वर यही है कि देश को आगे बढ़ाने की दिशा में इस सदन के सत्र का उपयोग सकारात्मक रूप से हो. ‘‘ मैं भी आशा करता हूं, कि सकारात्मक रूप से सदन का सत्र चलेगा, देश लाभान्वित होगा, लोकतंत्र मजबूत होगा, सामान्य मानव की आशा, आकांक्षाओं को परिपूर्ण करने में एक नया विश्वास पैदा होगा.
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