संयुक्त राष्ट्र में आतंकवादियों द्वारा ‘इंटरनेट के इस्तेमाल पर रोक’ विषय पर ब्रिटेन और इटली की मेजबानी में एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद फैलाने में इंटरनेट के इस्तेमाल पर दुनिया को नई नीति बनाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा बड़े आतंकवादी हमलों के प्रभाव को कम करने के लिए इंटरनेट के आधार, अहम इंटरनेट संसाधन और आंकड़ा संकलन केंद्रों को अलग-अलग होना चाहिए। आंतकवाद के खिलाफ कार्रवाई समूचे भौगोलिक और सांस्कृतिक स्तर पर समान होनी ही चाहिए। यह एक ऐसा मुद्दा है जिसमें अलग-अलग मानक स्वीकार्य नहीं है।
उन्होंने कहा कि कट्टरता के प्रसार किसी के मन मस्तिष्क को प्रभावित करने, आतंक के वित्त पोषण और भर्ती के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल सिद्ध हो चुका है। ऐसे हाल में हम चुप-चाप बैठ सकते हैं।
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