कोलकाता। कोलकाता हाईकोर्ट ने ममता बेनर्जी के उस नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया है, जिस में नवरात्रों के दौरान रात दस बजे के बाद दुर्गा पूजा और विसर्जन पर रोक लगाई गई थी | भाजपा के प्रवक्ता स्म्बित महापात्रा ने कहा कि ममता बेनरजी की मुस्लिम तुष्टिकरं की राजनीति का भन्दा फूट गया है | माकपा और कांग्रेस ने भी हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए ममता की आलोचना की है |
पश्चिम बंगाल में दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन और मोहर्रम एक साथ मनाए जाने को लेकर मामला गर्म है। गौरतलब है कि इस बार दुर्गा पूजा और मुहर्रम एक ही दिन 1 अक्टूबर को पड़ रहे हैं। जिसके मद्देनजर ममता सरकार ने क़ानून व्यवस्था का बहाना बना कर नोटिफिकेशन जारी कर दिया था कि नवरात्रों के दौरान रात दस बजे के बाद पंडालों में दुर्गा पूजा नहीं होगी , यहाँ तक कि यह आदेश भी सूना दिया था कि मुहर्रम के अगले दिन ही दुर्गा प्रतिमा विसर्जन होगा। हाई कोर्ट ने ममता सरकार को लताड़ लगाते हुए कहा कि दोनों समुदाओं के धार्मिक कार्यक्रम एक साथ क्यों नहीं हो सकते | कोर्ट ने कहा कि क़ानून व्यवस्था के नाम पर धार्मिक अधिकारों को किनारे नहीं किया जा सकता |
ममता सरकार ने कहा था कि मुहर्रम के दिन को छोड़कर 2, 3 और 4 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन किया जा सकता है। इस फैसले के बाद बंगाल के हिन्दू गुस्से में थे और राजनीति गर्म हो गई थी । विपक्ष ममता पर वोटबैंक की राजनीति के आरापे लगाने लगा। वहीं, अब इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आ गया है।
इस बीच व्हाट्सएप और सोशल साइट पर एक मैसेज वायरल हो रहा है. लिखा है- 'क्या ममता बनर्जी का असली नाम मुमताज मासामा खातून है. क्या वो मुस्लिम हैं. और क्या उन्होंने जानबूझकर रेल मंत्री रहते हुए हिन्दू तीर्थस्थान जाने वाली ट्रेनों को बंद कराने की कोशिश की.'
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