अहमदाबाद। बाढ़ साल से भारत में रह रहे 114 पाकिस्तानी हिन्दुओं को आज भारत की नागरिकता दे दी गई | पाकिस्तान में लाखों ऐसे हिन्दू हैं जो 1947 में हुई अपनी गलती सुधार कर भारत के नागरिक बन जाना चाहते हैं। नंदलाल मेघानी, डॉ. विशानदास मनकानी और किशनलाल अडानी उन 114 लोगों में से हैं जिन्हें जिन्हें हाल ही में भारत की नागरिकता मिली है।
1955 सिटिजनशिप एक्ट के तहत जिला मजिस्ट्रेट ने इन सभी की नागरिकता पर फैसला लिया है। नंदलाल मेघानी ने कहा कि 16 साल पहले वहां के जुल्म से परेशान होकर मैं अपनी पत्नी और बेटी के साथ भारत आ गया था। भारत में जिंदगी की नई शुरुआत की। वहां मुझे अपनी जमीन, बिजनेस सबकुछ कौड़ी के भाव बेचना पड़ा। वहां रहने वाले मुस्लिम दोस्तों ने भी हमसे कहा कि आप लोग भारत शिफ्ट हो जाएं। पाकिस्तान गैर मुस्लिमों के लिए सुरक्षित नहीं है।
किशनलाल अडानी ने कहा कि मैं 2005 में 4 बेटों के साथ भारत आ गया था। अडानी पाकिस्तान के सिंध सूबे के थारपकड़ कस्बे में जनरल स्टोर चलाते थे। भारत में अपने बेटों के साथ उन्होंने बर्तन की दुकान शुरू की है। अडानी ने कहा कि मैं आतंकवाद की वजह से पाकिस्तान छोड़कर आ गया। जब हम घर से बाहर निकलते थे तो डर लगता था कि घर वापस पहुंच पाऊंगा की नहीं।
विशनदास मनकानी अपनी पत्नी और चार बच्चों के साथ 2001 में भारत आ गए थे। उन्होंने कहा कि मुझे और मेरी पत्नी को 2016 में भारत की नागरिकता मिली। भारत पाकिस्तान से काफी ज्यादा विकसित है। यहां के लोग और यहां का माहौल पाकिस्तान से कई गुना बेहतर है। यह हर किसी को आजादी है।
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