पटना | नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी के विकल्प के तौर पर राहुल गांधी के चेहरे को खारिज करते हुए कहा कि विकल्प विरोध और चेहरे के आधार पर नहीं , बल्कि वैकल्पिक एजेंडे के आधार पर तैयार होगा | उन्होंने कहा कि एजेंडे के बिना विपक्षी एकता का कोई मतलब नहीं है | राष्ट्रीय स्तर पर सिर्फ गठबंधन बनाने से कुछ नहीं होगा | उन्होंने यह भी कहा कि 2019 में मैं विपक्ष का पीएम पद का दावेदार नहीं हूं,लेकिन कांग्रेस को एक एजेंडा तय करना चाहिए | नीतीश ने साफ किया कि हमारा असल उद्देश्य वादों को लागू करना है, उन्हें प्रधानमंत्री पद की कोई लालसा नहीं है |
उन्होंने आगे कहा कि जब पी चिदंबरम ने अपनी किताब के विमोचन पर बुलाया तो पैनल डिसकशन के बारे में हमें पता भी नहीं था | उसमें भी हमसे पूछा गया तो हमने स्पष्ट कहा एजेंडा तय करें | विपक्ष की मजबूती के लिए जरूरी है कि हम अपने एजेंडे को आगे बढ़ाएं | सत्ता पक्ष के किए कामों पर प्रतिक्रिया दें, वह हमारा धर्म है, लेकिन उससे ज्यादा वक्त वैकल्पिक एजेंडा बनाने पर देना होगा | मैंने चिदंबरम के कार्यक्रम में राहुल गांधी से भी कहा था कि आप बड़ी पार्टी हैं, एजेंडा तय करें | सिर्फ बोलने या प्रतिरोध से कुछ नहीं होता, उसका विकल्प क्या है, ये बताना चाहिए |
जहां तक राष्ट्रपति चुनाव की बात है तो अलग-अलग पार्टी के अलग-अलग विचार होते हैं | हमारा विचार उनसे अलग था | कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के मामले को इस कदर तूल दिया गया कि किसानों का मुद्दा पीछे छूट गया | इस मुद्दे को पीछे नहीं छूटना चाहिए था |
जीएसटी की हिमायत पर उन्होंने कहा कि इस पर यूपीए के समय से काम हो रहा है | हम पहले से ही उसकी हिमायत करते रहे हैं | एक टैक्स से इस व्यवस्था को चलाना आसान होगा. इससे टैक्स चोरों पर लगाम लगेगी. हम इसके पक्ष में हैं |
इससे पूर्व नीतीश कुमार ने रविवार को पटना में राज्य कार्यकारिणी के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि कोई गलतफहमी में न रहे कि वे किसी के पिछलग्गू हैं | वे सहयोगी हैं और सहयोगी की तरह रहेंगे | नीतीश कुमार ने कांग्रेस के नेताओं से साफ शब्दों में कहा कि खुशामद करना उनकी फितरत में शामिल नहीं है | नीतीश इन दिनों कांग्रेस से खफा चल रहे हैं | खासकर नीतीश की नाराजगी कांग्रेस के महासचिव गुलाम नबी आजाद के उस बयान को लेकर है कि नीतीश एक विचारधारा नहीं, बल्कि कई विचार धारा के नेता हैं | आजाद का यह बयान राष्ट्रपति चुनाव को लेकर दिया गया था | राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर नीतीश ने साफ किया कि उन्होंने रामनाथ कोविन्द, जो कि बिहार के राज्यपाल थे, को समर्थन दिया है न कि भारतीय जनता पार्टी को. इस मुद्दे पर नीतीश ने कांग्रेस पार्टी के नेताओं के बयान पर कहा कि भिड़ना चाहिए किससे और भिड़ गए किससे !
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