जीएसटी लागू होने के बाद अब वस्तुओं एवं सेवाओं पर केवल तीन तरह के टैक्स वसूले जाएंगे। पहला सीजीएसटी, यानी सेंट्रल जीएसटी (सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स), जो केंद्र सरकार वसूलेगी। दूसरा एसजीएसटी, यानी स्टेट जीएसटी (स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स), जो राज्य सरकार अपने यहां होने वाले कारोबार पर वसूलेगी। तीसरा होगा वह जो कोई कारोबार अगर दो राज्यों के बीच होगा तो उस पर आईजीएसटी, यानी इंटीग्रेटेड जीएसटी (इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) वसूला जाएगा।
जीएसटी के खास बिंदु...
-वस्तुओं और सेवाओं पर पूरे देश में एक समान टैक्स
-5%, 12%, 18%, 28% की चार बड़ी श्रेणियां
-अल्कोहल जीएसटी के दायरे से बाहर
-पेट्रोल से जुड़े उत्पाद भी जीएसटी के दायरे से बाहर
-उत्पादन से बिक्री तक हर चरण पर टैक्स
-लेकिन हर चरण में घटता जाएगा पिछला टैक्स
-ग्राहकों पर कुल टैक्स के बोझ में कमी
-केंद्रीय जीएसटी, राज्य जीएसटी और समग्र जीएसटी- कुल तीन स्तर
-कारोबारियों को हर महीने भरना होगा रिटर्न
-20 लाख तक के सालाना कारोबार पर जीएसटी नहीं
जीएसटी की तैयारी
-80 लाख करदाता नई व्यवस्था से जुड़ेंगे
-जीएसटी से जुड़े 66 लाख करदाता
-64,000 अधिकारियों को अब तक ट्रेनिंग
-सारी फ़ाइलिंग ऑनलाइन ही होगी
-25 बैंकपोर्टल से जुड़े
देश में एक साथ ये 17 टैक्स खत्म
पर शराब और पेट्रोल पर पुराने टेक्स
- जीएसटी लागू होते ही सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी (केंद्रीय उत्पाद शुल्क)
- सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी (केंद्रीय उत्पाद शुल्क)
- एक्साइज ड्यूटी (medicinal and toilet preparation)
- एडिशनल ड्यूटीज ऑफ एक्साइज (टैक्सटाइल और टैक्सटाइल प्रोडक्ट्स पर)
- एडिशनल कस्टम ड्यूटी (सीवीडी)
- स्पेशल एडिशन ड्यूटी ऑफ कस्टम (एसएडी)
- सर्विस टैक्स (सेवा कर)
- वस्तु एवं सेवाओं की आपूर्ति से संबंधित सेस और सरचार्ज
- स्टेट वैट
- सेंट्रल सेल्स टैक्स
- पर्चेज टैक्स
- लग्जरी टैक्स
- एंट्री टैक्स (ऑल फॉर्म)
- एंटरटेनमेंट टैक्स (स्थानीय निकायों की ओर से नहीं लगाए गए)
- विज्ञापन पर टैक्स
- लॉटरी, सट्टेबाजी और जुए पर कर
- स्टेट सेस और सरचार्ज
आपकी प्रतिक्रिया