श्रीनगर | कश्मीर के नौहट्टा की जामिया मस्जिद के बाहर आतंकवादियों के उकसावे पर डिप्टी एसपी मोहम्मद अयूब पंडित की पीट-पीट कर हत्या करने के मामले में अब तक पांच लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं | पुलिस ने चार अन्य लोगों की शिनाख्त कर ली है, जिन्हें गिरफ्तार करने ए कोशिश की जा रही है |
सेना और पुलिस में इस बात को लेकर काफी रोष है कि आखिर सेना के जवानों और पुलिसकर्मियों की शहादत कब तक होगीl सोशल मीडिया पर भी इस बात को लेकर खूब माहौल गर्म है l अयूब पंडित वर्दी में नही थे और वो वहां जमा पत्थरबाजों की अराजकता का वीडियो रिकॉर्ड कर रहे थे, तब तक भीड़ ने उन पर हमला बोल दिया l
जिसके बाद अयूब पंडित ने अपने बचाव में गोलियां चलायीl हमलावर उग्र हो रहे थे लेकिन फिर भी अयूब पंडित ने संयम से काम लेते हुए पैर पर गोली चलायी जिससे किसी की जान न जाएl इसके बाद जमा भीड़ ने अपनी हैवानियत दिखाते हुए अयूब पंडित की हत्या कर दीl इस हत्या के बाद हर तरफ एक ही सवाल है कि आखिर ये कौन से इन्सान हैं जो उनकी सुरक्षा में लगे वीर सपूतों की हत्या कर रहे हैंl सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर आक्रोश बढ़ता जा रहा है और इसका जवाब देने की मांग हो रही हैl
वैसे आपके अक्सर देखा होगा कि आतंकवादियों का सफाया करने वाली सेना पर कई बुद्धजीवी सवाल उठाते रहते हैं और मानवाधिकार की बात करते हैंl यही नही कुछ लोग तो मामले को तूल देने के लिए अपने अवार्ड वापस करने का फर्जी ड्रामा भी करने लगते हैं, लेकिन अब जबकि एक अयूब पंडित की हत्या कर दी गयी है तो वो सारे खामोश हैंl बॉलीवुड के जाने माने अभिनेता और अहमदाबाद ईस्ट से भाजपा सांसद परेश रावल ने अवार्ड वापस करने वालों को निशाना बनाते हुए ऐसा ट्वीट कर दिया है कि सब को सांप सूंघ गया हैl
परेश रावल ने ट्विटर पर एक तवीत करते हुए लिखा कि अयूब पंडित मोहम्मद अयूब के नाम पर कहां चले गये वो अवार्ड वापसी वाले मुर्ख और बौद्धिक अनपढ़ सारे..कहा चले गये ?’ वैसे परेश रावल का निशाना उन सभी लोगों पर था जो मानवाधिकार और अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर कुछ करते हैं और अगर उन्हें गलत करने से रोका जाय तो अवार्ड वापस करने लगते हैं लेकिन जब DSP अयूब पंडित जैसे देशभक्त को जाहिलों द्वारा मार दिया जाता है तो वो सारे पढ़े लिखे अनपढ़ खामोश हो जाते हैंl
परेश रावल के इस ट्वीट पर काफी लोगों ने रिप्लाई दिए और जमकर अवार्ड वापसी गैंग को लताड़ाl इतना ही नही आशीष जैन नाम के एक यूजर ने लिखा कि ‘परेश भाई वो सारे छुट्टियों पर पाकिस्तान अपने नानी के घर या फिर हो सकता है अपने दादी के घर गये हों !’ वैसे सही भी है कि सेना द्वारा किये जा रहे आतंक के खात्मे को कटघरे में खड़ा करके कथित बुद्धजीवी हल्ला मचाते हैं लेकिन जब सेना का जवान या कोई वीर सपूत कायरो द्वारा मारा जाता है तो ये सारे खामोश हो जाते हैं तब अवार्ड वापसी गैंग छुट्टियों पर चली जाती हैl
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