रामनाथ कोविंद के नाम पर प्रतिक्रिया ही नहीं दे पाया विपक्ष

Publsihed: 19.Jun.2017, 14:56

नई दिल्ली | (अजय सेतिया ) भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रपति पद के लिए अपनी पार्टी के दलित नेता और बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद के नाम का ऐलान कर के सब को आश्चर्य चकित कर दिया | विपक्ष की बात तो छोडिए, भाजपा के बड़े नेताओं को भी उन के नाम पर विचार तक होने की भनक नहीं थी | जिन नामों की चर्चा हो रही थी, उन में कोविंद का नाम नहीं था | भाजपा के इस मास्टर स्ट्रोक पर विपक्ष का कोई नेता तो प्रतिक्रिया देने की स्थिति में नहीं था | 

राजग के नेता भी कोविंद के नाम से अनभिग्य थे | शिवसेना के प्र्वक्या संजय राउत ने बताया कि नाम तय होने के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शिव सेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को फोन कर के जानकारी दी है | विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीन्दवार समझे जाने वाले शरद यादव ने सिर्फ इतना ही कहा कि विपक्ष बैठ कर तय करेगा कि उसे क्या करना है | माकपा की तरफ से टिप्पणी जरा तल्ख थी , माकपा के नेता सुनीत चोपड़ा ने कहा कि कोविंद से पहले भी दलित राष्ट्रपति रह चुके हैं |

अब विपक्ष के लिए बड़ी मुश्किल खडी हो गई है | विपक्ष को एक जुट रखने के लिए विपक्ष के पास दलित महिला मीरा कुमार को उम्मीन्दवार बनाने के सिवा कोई चारा नहीं है | 

राम नाथ कोविंद 23 जून को परचा भरेंगे | उन के नाम का फैसला आज सुबह भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में लिया गया, बैठक के तुरंत बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी कार्यलय में मौजूद पत्रकारों के समक्ष उन के नाम का ऐलान कर दिया | इस से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा बैठक के खत्म होते ही फोन पर सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह को सूचना दे दी | इस से पहले सुषमा स्वराज के बैठक से जल्दी चले जाने के कारण अफवाह फ़ैल गई थी कि सुषमा स्वराज उम्मीन्द्वार होगी |

रामनाथ कोविद का नाम पहले कहीं भी चर्चा नहीं था | वह दलित समुदाय से आते हैं | भाजपा के दलित मोर्चे के अध्यक्ष और सांसद रहे हैं | प्रधानमंत्री विपक्ष और एनडीए के सभी नेताओं को सूचित कर रहे हैं | रविवार को शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा था कि पीएम मोदी 24 जून को विदेश दौरे पर जानेवाले हैं और उससे पहले ही एऩडीए की तरफ से राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम का एलान कर दिया जाएगा।

जीवन परिचय 

राम नाथ कोविन्द का जन्म उत्तरप्रदेश  के कानपुर  जिले की , तहसील डेरापुर के एक छोटे से गांव परौंख में हुआ था। कोविन्द का सम्बन्ध कोरी या कोली जाति से है जो उत्तर प्रदेश  में अनुसूचित जाति के अंतर्गत आती है। वकालत की उपाधि लेने के पश्चात दिल्ली उच्च न्यालय  में वकालत प्रारम्भ की। वह 1977  से 1979 तक दिल्ली हाई कोर्ट में केंद्र सरकार के वकील रहे। 8 अगस्त 2015  को बिहार के राज्यपाल के पद पर नियुक्ति हुई। 

राजनीति

वर्ष 1991 में भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित हो गये। वर्ष 1994  में उत्तर प्रदेश राज्य से राज्य सभा के निर्वाचित हुए। वर्ष 2000  पुनः उत्तरप्रदेश राज्य से राज्य सभा के लिए निर्वाचित हुए। इस प्रकार कोविन्द लगातार 12 वर्ष तक राज्य सभा के सदस्य रहे। वह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे।

समाज सेवा 

वह भाजपा दलित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अखिल भारतीय कोली समाज अध्यक्ष भी रहे। वर्ष 1986 में दलित वर्ग के कानूनी सहायता ब्युरो के महामंत्री भी रहे।

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