नई दिल्ली | राष्ट्रपति चुनाव 2017 के संदर्भ में आज भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में बिहार के राज्यपाल राम नाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीन्द्वार चुना गया | राम नाथ कोविंद 23 जून को परचा भरेंगे | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा बैठक के अन्दर से फोन पर सोनिया गांधी को सूचना दे दी | इस से पहले सुषमा स्वराज के बैठक से जल्दी चले जाने के कारण अफवाह फ़ैल गई थी कि सुषमा स्वराज उम्मीन्द्वार होगी |
रामनाथ कोविद का नाम पहले कहीं भी चर्चा नहीं था | वह दलित समुदाय से आते हैं और राष्ट्रीय स्वय सेवक संघ के स्वय सेवक हैं | भाजपा के द्लित मोर्चे के अध्यक्ष और सांसद रहे हैं | प्रधानमंत्री विपक्ष और एनदीए के सभी नेताओं को सूचित कर रहे हैं | भाजपा की ओर से दलित नाम पेश किए जाने के कारण कई विपक्षी दलों के लिए उन का विरोध करना मुश्किल हो जाएगा |
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बैठक के तुरंत बाद भाजपा कार्यलय में पार्टी के फैसले का ऐलान किया |
रविवार को शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा था कि पीएम मोदी 24 जून को विदेश दौरे पर जानेवाले हैं और उससे पहले ही एऩडीए की तरफ से राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम का एलान कर दिया जाएगा।
जीवन परिचय
राम नाथ कोविन्द का जन्म उत्तरप्रदेश के कानपुर जिले की , तहसील डेरापुर के एक छोटे से गांव परौंख में हुआ था। कोविन्द का सम्बन्ध कोरी या कोली जाति से है जो उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति के अंतर्गत आती है। वकालत की उपाधि लेने के पश्चात दिल्ली उच्च न्यालय में वकालत प्रारम्भ की। वह १९७७ से १९७९ तक दिल्ली हाई कोर्ट में केंद्र सरकार के वकील रहे। ८ अगस्त २०१५ को बिहार के राज्यपाल के पद पर नियुक्ति हुई।
राजनीति
वर्ष १९९१ में भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित हो गये। वर्ष १९९४ में उत्तर प्रदेश राज्य से राज्य सभा के निर्वाचित हुए। वर्ष २००० में पुनः उत्तरप्रदेश राज्य से राज्य सभा के लिए निर्वाचित हुए। इस प्रकार कोविन्द लगातार १२ वर्ष तक राज्य सभा के सदस्य रहे। वह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे।
समाज सेवा
वह भाजपा दलित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अखिल भारतीय कोली समाज अध्यक्ष भी रहे। वर्ष १९८६ में दलित वर्ग के कानूनी सहायता ब्युरो के महामंत्री भी रहे।
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