नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जाते-जाते कुछ कठोर फैसले लिए हैं। प्रणब मुखर्जी ने बच्चों के साथ यौन अपराधों के दो मामलों में कड़ा रुख अपनाते हुए क्षमा याचिकाओं को खारिज कर दिया है।
राष्ट्रपति मुखर्जी द्वारा खारिज की गई क्षमा याचिकाओं में पहला केस 2012 का है, जिसमें चार साल की एक बच्ची का रेप और फिर उसकी हत्या कर दी गई थी। मामला इंदौर का है जिसमें तीन लोगों को दोषी पाया गया था।
दोनों केस राष्ट्रपति को अप्रैल और मई में भेजे गए थे। इंदौर केस में बाबू उर्फ केतन (22), जितेंद्र उर्फ जीतू (20) और देवेंद्र उर्फ सनी (22) पर चार साल की बच्ची का अपहरण, रेप और हत्या का आरोप था, जिसमें सभी दोषी पाए गए हैं।
वहीं दूसरा केस पुणे का है, जिसमें पुरुषोत्म दसरथ बोरेट और प्रदीप यशवंद कोकडे को विप्रों में काम करने वाली एक 22 वर्षिय युवती की हत्या और रेप के मामले में दोषी पाया गया है। इन मामलों में कोर्ट ने दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है।
इसके अलावा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 26/11 हमले के दोषी अजमल कसाब, 2001 संसद हमले में दोषी अफजल गुरु, मुंबई ब्लास्ट में दोषी याकुब मेनन की भी क्षमा याचिका खारिज कर दी थी। प्रणब मुखर्जी ने अपने कार्य्य्काल में 30 याचिकाएं खारिज की |
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