नई दिल्ली: हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) ने भारत से कुलभूषण जाधव मामले में 13 सितंबर तक दलीलें पूरी करने को कहा है | भारत ने तैयारी के लिए चार महीने मांगे थे और अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट ने उसे चार महीने दे दिए थे |
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी और पाकिस्तान के इस दावे को खारिज कर दिया कि भारत ने अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट ने जाधव मामले ने अधिक वक्त मांगा था, जिसे नामंजूर कर दिया गया है | विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने बताया कि हम ने ज्यादा वक्त कभी माँगा ही नहीं | जहां भारत को 13 सितम्बर तक अपनी दलीलें पूरी करने को कहा गया है , वहां पाकिस्तान से 13 दिसंबर तक जवाब देने को कहा गया है |.
जब बागले से पाकिस्तान के इस दावे के बारे में पूछा गया कि भारत के और अधिक वक्त देने के अनुरोध को आईसीजे ने खारिज कर दिया है, तो उन्होंने कहा कि यह सच नहीं है, क्योंकि भारत ने चार महीने मांगे थे और अदालत द्वारा सितंबर की समयसीमा तय किए जाने साथ उसे यह समय मिल गया है. इससे पहले पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अश्तर औसफ अली के हवाले से डॉन न्यूज ने कहा कि भारत ने आईसीजे से कहा था कि उसे जाधव मामले में दलीलें देने के लिए दिसंबर तक का वक्त दिया जाए, हालांकि अदालत ने उनके अनुरोध को खारिज कर दिया है.
बागले ने कहा, 'भारत ने यह रुख अपनाया था कि मामला किसी के जीवन और मृत्यु का है, लेकिन पाकिस्तान ने कहा था कि आईसीजे अपील करने के लिए अदालत नहीं है. आईसीजे से इस बारे में परिणाम आने की अपेक्षा है कि जाधव को काउंसल संपर्क मिल सकता है या नहीं, जिसके लिए जवाब दाखिल करने के लिहाज से दो से तीन महीने की अवधि काफी है'. उन्होंने कहा कि आईसीजे के पीठासीन अधिकारी रॉनी अब्राहम की दोनों देशों के प्रतिनिधियों के साथ आठ जून को हुई बैठकों में समयसीमा तय की गई थी.
जब बागले से पूछा गया कि क्या दोनों देशों की दलीलें पूरी होने के बाद मामले में सुनवाई शुरू होगी तो उन्होंने कहा कि अदालत तय करेगी कि उसे और अधिक दलीलों की जरूरत है या नहीं और फिर आगे की कार्रवाई पर फैसला करेगी.
मामले की गत 18 मई को सुनवाई के दौरान आईसीजे की 10 सदस्यीय पीठ ने पाकिस्तान को जाधव को फांसी देने से रोक दिया था | 46 वर्षीय जाधव भारतीय नौसेना के सेवानिवृत अधिकारी हैं, जिन्हें पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने पाकिस्तान में जासूसी एवं आतंकवादी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के मामले में मौत की सजा सुनाई थी | मौत की सजा के खिलाफ भारत आठ मई को आईसीजे पहुंचा और जाधव के खिलाफ आरोपों को मनगढ़ंत और उनकी सुनवाई को हास्यास्पद करार दिया था |
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