नई दिल्ली। ( indiagatenews) भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राजनाथ सिंह,अरुण जेटली और वेंकैया नायडू पर आधारित तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है, जो राष्ट्रपति पद के सर्व मानी उम्मीन्द्वार के लिए सभी दलों से बातचीत करेगी | हालांकि वाईएस राजशेखर कांग्रेस की ओर से भाजपा उम्मीन्द्वार को समर्थन की घोषणा और अन्ना द्रमुक , टीआरएस की ओर से समर्थन के संकेतों के बाद अब यह स्पष्ट हो चुका है कि एनडीए उम्मीन्दवार का भारी बहुमत से जीतना तय है | उम्मींद है कि एनडीए अपने उम्मीन्द्वार का निर्णय 23 जून से पहले कर लेगा |
भाजपा की तरफ से अब तक अनेकों नामों का संकेत आ चुका है | अंतिम संकेत ब्राह्मण महिलाओंसुषमा स्वराज और सुमित्रा महाजन का था | इस से पहले दलित ,आदिवासी और पिछड़ों का फार्मूला भी बताया जाता रहा है , लेकिन अब वयोवृद्ध नेता प्रकाश सिंह बादल का नाम सामने आ रहा है | राजनाथ सिंह, अरुण जेटली और वेंकैया नायडू तीनों ही बादल के करीबी हैं | सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी का मानना है कि बादल के नाम पर न केवल एनडीए, बल्कि यूपीए की कुछ पार्टियां एनसीपी भी सहमति दे सकती हैं।बादल का नाम सामने आने के बाद अन्ना द्रमुक के साथ साथ द्रमुक, एनसीपी और बीजू जनता दल का समर्थन भी मिल सकता है , जबकि जनता दल भी दुविधा में फंस जाएगी | कांग्रेस और वामपंथी लगभग अकेले पड सकते हैं |
चुनाव आयोग ने सात जून को राष्ट्रपति पद के चुनाव का कार्यक्रम घोषित किया है । अधिसूचना जारी किए जाने के बाद 14 जून से नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी, 17 जुलाई को चुनाव होगा और मतगणना 20 जुलाई को नयी दिल्ली में होगी। राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के नाम को लेकर भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ-साथ सहयोगी दलों से भी गहना मंत्रणा चल रही है। इस बारे में जल्द ही राजग घटक दलों की बैठक भी बुलाई जा सकती है। अगर आम सहमति नहीं बनी तो राष्ट्रपति पद के लिए मतदान 17 जुलाई को होगा। राजग ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए जीत का जरूरी आंकड़ा लगभग हासिल कर लिया है।
एनसीपी के एक शीर्ष नेता ने बताया, ‘बीजेपी चीफ अमित शाह से हमें बादल साहब के बारे में संकेत मिला। उनका विरोध करना मुश्किल होगा। अकालियों के साथ इमर्जेंसी के खिलाफ लड़ने वाली डीएमके जैसी पार्टियां भी उनके नाम को चुनौती नहीं देंगी।’ विपक्ष की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी विपक्ष की कमान संभाले हुए हैं।वह एनडीए के सामने साझा उम्मीन्द्वार खडा करना चाहती है, अभी तक मिले संकेतों के अनुसार शरद यादव को विपक्ष का उम्मेंदावार बनाया जा सकता है | हालांकि अभी तक किसी ने भी अपने राष्ट्रपति उम्मीदवार को घोषणा नहीं की है।
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