मुंबई। महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा के गठबंधन वाली सरकार पर खतरे के बादल एक बार फिर मंडरा रहे हैं। दरअसल शिवसेना ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि “या तो सरकार किसानों का कर्ज माफ करे या फिर मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार रहे।”
दरअसल शिवसेना हमेशा राष्ट्रपति चुनाव से पहले भाजपा से रिश्ते बिगाड़ने में माहिर है | इस बार शिवसेना ने किसानों के कर्ज माफी को मुद्दा बनाया हुआ है | जब से यूपी की भाजपा सरकार ने किसानों का कर्ज माफ किया है। तभी से देश के अन्य हिस्सों में भी यह मांग जोर पकड़ती जा रही है। खासकर भाजपा शासित प्रदेशों में इसका असर ज्यादा देखने को मिला है। शिवसेना भी इस मुद्दे को हाथों हाथ लेना चाहती है। यही कारण है कि यूपी सरकार के कर्जमाफी के निर्णय के बाद ही शिवसेना ने महाराष्ट्र के किसानों का कर्ज माफ करने की बात कहना शुरु कर दिया था।
शिवसेना के सांसद संजय राउत का कहना है कि उनकी पार्टी मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार है और हम पर इसका कोई असर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सरकार यदि मध्यावधि चुनाव से बचना चाहती है तो तत्काल किसानों का पूरा कर्ज माफ करे। बता दें कि महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार साल 2014 में ही बनी है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के किसान 1 जून से ही कर्ज माफी के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार भी किसानों को मनाने में जुटी है, लेकिन अभी तक विफल रही है। वहीं शिवसेना के ताजे अल्टीमेटम से किसानों का हौंसला यकीनन बढ़ा होगा। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार को जल्द ही इसका कोई समाधान निकालना होगा वरना इस मुद्दे पर भाजपा सरकार जा भी सकती है।
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