ब्रिटेन के मध्यावधि चुनावों में किसी को भी स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी की नेता और प्रधानमंत्री टेरीजा मे का समय से पहले चुनाव कराने का दांव उलटा पड़ गया है. दरअसल टेरीजा मे ने समय से तीन साल पहले ही मध्यवाधि चुनाव कराने का फैसला लिया था. पिछले साल ब्रेक्जिट के मुद्दे पर हुए जनमत संग्रह की पृष्ठभूमि में यह फैसला लिया गया है.
चुनाव से पहले माना जा रहा था कि कंजरवेटिव पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलेगा लेकिन चुनाव पूर्व अनुमानों के विपरीत विपक्षी लेबर पार्टी ने जबर्दस्त प्रदर्शन किया है. दोनों प्रमुख दलों से भारतीय मूल के कई भारतीय उम्मीदवारों ने न सिर्फ जीत हासिल की है बल्कि इतिहास भी रचा है.
भारतीय मूल की प्रीत कौर गिल बर्मिंघम से चुनाव जीत गई हैं. वह इस तरह चुनाव जीतने वाली पहली सिख महिला बन गई हैं. प्रीत कौर गिल लेबर पार्टी से ताल्लुक रखती हैं और बर्मिंघम एजबेस्टन सीट से उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 6,917 वोटों से हराया. चुनाव जीतने के बाद उन्होंने कहा, ''मुझे इस बात की खुशी है कि एजबेस्टन से सांसद बनने का मौका मिला क्योंकि मेरा यहां जन्म और परवरिश हुई है...''.
इसी तरह भारतीय मूल के सिख तनमनजीत सिंह धेसी स्लॉ से चुनाव जीत गए हैं. वह यहां से चुनाव जीतने वाले पहले पगड़ीधारी सिख सांसद बन गए हैं. तनमनजीत सिंह उर्फ टैन भी लेबर पार्टी से ही जुड़े हैं और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को उन्होंने तकरीबन 17 हजार मतों से हराया. भारतीय मूल के कीथ वाज ने लीसेस्टर ईस्ट से जीत हासिल की है.
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