नई दिल्ली। मंदसौर में पांच किसानों की मौत के बाद अब महाराष्ट्र में भी एक किसान के मरने की खबर आई है। 42 साल के इस किसान की मौत पुलिस की गोलियों के कारण नहीं बल्कि आत्महत्या करने से हुई है। मरने से पहले किसान ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि जब तक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस गांव में ना आ जाएं तब तक मेरा अंतिम संस्कार मत करना।
इस किसान की आत्महत्या के बाद अब माहौल अब गर्मा गया है। गुरुवार को वेईत गांव के किसान धनाजी जाधव ने पेड़ से लटककर फांसी लगा ली। धनाजी ने मरने से पहले एक सुसाइड नोट लिखा, जिसमें मुख्यमंत्री फडणवीस से उनके गांव के बदहाल किसानों की सुध लेने को कहा। साथ ही मांग रखी कि सीएम खुद आए, तभी उनके शरीर का अंतिम संस्कार किया जाए।
जब तालुके के किसानों ने धनाजी का सुसाइड नोट पड़ा, तो उन्होंने एक दिन के बंद का अह्वान किया। मामला गंभीर होता देख, प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया। जिला अधिकारी और सोलापुर के गार्जियन मिनिस्टर विजयकुमार देखमुख तुरंत वेईत गांव पहुंचे और किसानों को शांत किया। साथ ही मृत किसान के परिवार से सीएम फडणवीस की फोन पर बातचीत कराई। फडणवीस ने जाधव के परिवार की आर्थिक सहायता करने का आश्वासन दिया है। इसके बाद परिवार शरीर का अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार हुआ।
ये कोई पहला वाक्या नहीं है, इससे पहले भी कई किसान आत्महत्या कर चुके हैं। जिस वजह से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को विपक्षी दलों एवं भाजपा की सहयोगी शिवसेना की आलोचनाओं का शिकार होना पड़ रहा है। किसानों के प्रदर्शन के कारण कृषि उत्पादों की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई है। फडणवीस ने हाल में एक बयान देकर 31 अक्तूबर तक ऋण माफ करने का वादा किया था, लेकिन ये वादा पूरा नहीं किया जिस वजह से किसानों का आंदोलन जारी है।
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