नई दिल्ली/भोपाल/इंदौर | मंदसौर में मंगलवार को किसान आंदोलन के दौरान मारे सभी पांचों किसानों का आज बुधवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया | सीएम शिवराज सिंह चौहान को बुलाने की मांग कर रहे किसानों के परिजनों ने आज सड़क पर शवों को रखकर चक्का जाम कर दिया था | किसानों का कहना था पहले सीएम यहां आएं, फिर शवों का अंतिम संस्कार करेंगे | उधर आंदोलन कर रहे किसानों का कहना है कि मौत का बदला लेंगे, मांगे पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा | प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस ने नहीं, सीआरपीएफ ने फायरिंग की |
इससे पहले किसानों को समझाने गए मंदसौर के कलेक्टर और किसानों के बीच झड़पें हुई | किसानों ने कलेक्टर के कपड़े फाड़ दिए और दौड़ा-दौड़ा कर पीटा | कलेक्टर स्वतंत्र कुमार ने कहा, किसान ज्यादा हंगामा नहीं कर रहे ,बल्कि कुछ अपराधी तत्व हंगामा कर रहे हैं, बाहरी लोग किसानों के परिवारों को भड़का रहे हैं | साथ ही उन्होंने कहा, हमने गोली चलाने का आदेश नहीं दिया था | सीएम शिवराज ने मंत्रियों का आपात बैठक बुलाई |
कांग्रेस पर भड़काने का आरोप
केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा है कि कांग्रेस किसानों के नाम पर राजनीति कर रही है, मंदसौर में जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है, शिवराज सिंह ने हमेशा किसानों को प्रोत्साहन दिया |
राहुल गांधी मंदसौर में
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार या बृहस्पतिवार को मंदसौर का दौरा कर के मृतकों के परिजनों से भी मुलाकात करेंगे | इससे पहले मंगलवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों के प्रदर्शन को लेकर यह कहते हुए सरकार पर निशाना साधा कि वह उनसे युद्ध कर रही है और हक मांगने पर उन्हें गोलियां खिला रही है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, बीजेपी के न्यू इंडिया में हक मांगने पर हमारे अन्नदाताओं को गोली मिलती है? कांग्रेस पार्टी ने भी ट्वीट कर कहा, जो हमें अन्न देते हैं, सरकार उन्हें गोलियां खिला रही है- मध्य प्रदेश में पुलिस गोलीबारी में तीन किसानों की मौत, कई अन्य घायल. वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने भी आंदोलनरत किसानों पर बल प्रयोग को लेकर भाजपा सरकार पर हमला बोला. उनके मुताबिक किसानों की मांग जायज है
एक जून से हो रहे हैं आंदोलन
इस घटना के बाद प्रशासन ने तनावग्रस्त क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया और जिले के शेष इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर दी. कृषि उत्पादों के उचित मूल्य और अन्य मांगों को लेकर किसान गत एक जून से पश्चिमी मध्यप्रदेश में आंदोलन कर रहे हैं. कुछ प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मृतकों के शरीर पर कथित तौर पर गोली के निशान हैं लेकिन जिला प्रशासन ने किसानों के उग्र होने के बावजूद उन पर पुलिस फायरिंग से इनकार किया है. कलेक्टर एस के सिंह ने इस घटना में पांच लोगों की मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि इसकी न्यायिक जांच कराने के आदेश दिए गए हैं.
धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू
उन्होंने बताया कि पुलिस को आंदोलन कर रहे किसानों पर किसी भी स्थिति में गोली नहीं चलाने के आदेश दिए गए थे. उन्होंने बताया कि मरने वालों की पहचान मंदसौर के रहने वाले कन्हैयालाल पाटीदार, बबलू पाटीदार, चेन सिंह सिंह पाटीदार, अभिषेक पाटीदार और सत्यनारायण के तौर पर की गई है. अभिषेक और सत्यनारायण ने इलाज के लिए इन्दौर ले जाते वक्त दम तोड़ दिया. उन्होंने बताया कि घटनास्थल वाले जिले के तनावग्रस्त पिपल्यामंडी पुलिस थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगाया गया है तथा शेष पुलिस थाना क्षेत्रों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है. घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है,
खुद भाजपा ने कहा कि पुलिस ने गोली चलाई
कलेक्टर एस के सिंह ने बताया, पुलिस ने हमें बताया कि पुलिस ने न तो गोली चलाई और न ही गोली चलाने के आदेश दिए | लेकिन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने ही कलेक्टर और पुलिस के दावे को झूठा बताया है , उन्होंने खा कि पुलिस ने गोली चलाई थी | कलेक्टर ने स्पष्टीकर्ण देते हुए कहा कि मृतकों के पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी करायी गई है | रिपोर्ट के बाद ही उनकी मौत का सही कारण मालूम हो सकेगा | पीड़ित परिवारों को शासन की ओर से आर्थिक सहायता दी जाएगी | एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार किसानों ने पिपल्यामंडी के पाश्र्वनाथ इलाके में पथराव करने के बाद 10 वाहनों को आग लगा दी और किसान बेहद उग्र हो गए |
रतलाम के जिला कलेक्टर अशोक भार्गव ने पड़ोसी जिले मंदसौर में हिंसा की इस घटना को देखते हुए रतलाम जिले में निषेधाज्ञा लागू करने आदेश दिए हैं. अफवाहों पर रोक लगाने के लिए रतलाम, मंदसौर और नीमच जिले में मंगलवार सुबह से ही प्रशासन द्वारा इंटरनेट सुविधा पर रोक लगा दी है. रतलाम जिला पुलिस अधीक्षक अमित सिंह ने फरार हुए किसान नेता और कांग्रेस से सम्बद्ध डीपी धाकड़, राजेश भार्गव और भगवती पाटीदार की गिरफ्तारी पर 10,000 रुपए का इनाम घोषित किया है.
इंदौर में भी पुलिस पर पथराव
इंदौर में मंगलवार को किसानों द्वारा निकाले गए शांति मार्च में शामिल लोगों ने पुलिस बल पर हल्का पथराव किया. पुलिस ने लाठीचार्ज कर इन लोगों को खदेड़ा. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि किसानों के शांति मार्च में शामिल लोगों ने चोइथराम चौराहा स्थित देवी अहिल्याबाई फल-सब्जी मंडी के सामने बड़ी संख्या में तैनात पुलिस बल पर अचानक पथराव कर दिया. इसके बाद पुलिस ने उग्र प्रदर्शनकारियों पर हल्का बल प्रयोग कर उन्हें तितर-बितर किया. पथराव की घटना से पहले चोइथराम चौराहे पर किसानों के प्रदर्शन में राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा भी शामिल हुए। राउ क्षेत्र के कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी और कांग्रेस के कुछ अन्य स्थानीय नेता भी किसान आंदोलन के समर्थन में चोइथराम चौराहा पहुंचे. धार में किसान आंदोलन के तहत किसानों ने इन्दौर-अहमदाबाद राजमार्ग पर तीन घंटे तक चक्काजाम किया. किसानों ने धार शहर के घोड़ा चौपाटी इलाके और अमझेरा में भी विरोध प्रदर्शन किया. नीमच शहर में आज सुबह से ही बाजार बंद रहे। जारी
किसान की मौत पर प्रदेशव्यापी बंद
इस बीच, मध्यप्रदेश पाटीदार समाज के अध्यक्ष महेन्द्र पाटीदार ने बताया कि इस घटना में पाटीदार समाज के मृतकों का अंतिम संस्कार मुख्यमंत्री चौहान की मौजूदगी में ही किया जाएगा. कांग्रेस से जुड़े राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने मंदसौर में मंगलवार को हुई किसानों की मौत के विरोध में बुधवार को प्रदेशव्यापी बंद का आहवान किया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने बताया, मंदसौर में किसानों की मौत के विरोध में हमने बुधवार को प्रदेशव्यापी बंद का आहवान किया है. मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक अजय सिंह ने इस घटना पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि यह घटना मुख्यमंत्री के लिये शर्मनाक है क्योंकि वह स्वयं को किसान का बेटा होने का दावा करते हैं।
'सीएम के सभी दावे झूठे'
अरुण यादव ने कहा, किसानों के लिए किए जा रहे मुख्यमंत्री के सभी दावे झूठे हैं | प्रदेश सरकार अब किसानों की आवाज दबाने के लिए गोलियां का प्रयोग कर रही है. मुख्यमंत्री चौहान को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए. मंदसौर में लोगों की मौत की घटना की जांच के लिए कांग्रेस ने अपने विधायकों की एक जांच समिति गठित की है | अजय सिंह के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव कल मंदसौर में पीड़ितों के परिजन से मुलाकात करेंगे |
'बातचीत के बदले गोलियों का रास्ता अपनाया'
वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने घटना की तीव्र निंदा करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने किसानों की समस्याओं का बातचीत से हल निकालने के बजाय इससे निपटने के लिए गोलियों का रास्ता अपनाया. उन्होंने कहा, प्रदेश के इतिहास में आज काला दिन है. यह शर्मनाक है कि प्रदेश सरकार किसानों आंदोलन का बलपूर्वक दमन कर रही है जबकि किसानों की मांगे जायज हैं.
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