बर्लिन | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को यूरोपीय संघ को एकजुट करने में जर्मन चांसलर एंगेला मर्केल के मजबूत नेतृत्व का समर्थन किया। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से चल रही 'तनातनी' के बीच मर्केल के लिए मोदी का यह समर्थन काफी अहम माना जा रहा है। दरअसल, यूरोपीय संघ इन दिनों ब्रेग्जिट और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की नीतियों को लेकर तनाव के दौर से गुजर रहा है। मर्केल इशारों में यह बात कह चुकी हैं कि ट्रंप के शासन में EU और अमेरिका के बीच दूरियां बढ़ रही हैं। मोदी ने कहा कि भारत और यूरोपियन युनियन में एकता को मजबूत करने में सकारात्मक भूमिका अदा करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने मर्केल के मजबूत नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि दुनिया को यूरोपियन युनियन केंद्रित सोच की जरूरत है। उन्होंने मर्केल के साथ संयुक्त वक्तव्य में पत्रकारों से कहा, 'वैश्विक विकास के लिए यूरोपियन युनियन की एकता, सक्रियता और दूसरे देशों के साथ मजबूत संबंध अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। हम चाहते हैं कि यूरोपियन युनियन और मजबूत बने। भारत जर्मनी के माध्यम से इसमें सकारात्मक भूमिका अदा करेगा।' मोदी ने कहा कि भारत और जर्मनी एक दूसरे के लिए बने हैं
बता दें कि मर्केल ने पिछले सप्ताह ही कहा था कि द्वितीय विश्वयुद्ध के अंत के बाद से बने विश्वसनीय संबंध कुछ हद तक समाप्त हो रहे हैं। जर्मनी के विदेश मंत्री सिगमर गैबरील ने अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा था कि ट्रंप प्रशासन की अदूरदर्शी नीतियां यूरोपीय संघ के हितों के खिलाफ हैं। ये टिप्पणियां जी-7 और नाटो शिखर सम्मेलन के समाप्त होने के बाद आईं।
खबरों के अनुसार मर्केल और ट्रंप के बीच सबकुछ ठीक नहीं है। ट्रंप अमेरिका को आर्थिक मुद्दों पर और भी अधिक संरक्षणवादी रुख की ओर ले जा रहे हैं। दोनों देशों के विचार जलवायु परिवर्तन संबंधी नीतियों पर भी एकमत नहीं हैं। ट्रंप ने ऐतिहासिक पेरिस समझौते से इत्तेफाक नहीं जताया है, जबकि मर्केल इसका समर्थन करती हैं। मोदी ने कहा, 'यूरोप और विश्व कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं और इनसे लड़ने के लिए भारत का मानना है कि विश्व को चांसलर मर्केल के मजबूत नेतृत्व की दरकार है।'
चांसलर मर्केल ने यह बात भी दोहराई कि यूरोप को अपने भाग्य को अपने हाथ में लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि समूह को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीतिक भूमिका निभानी चाहिए। मर्केल के इस बयान पर ट्रंप ने रिऐक्ट करने में देर नहीं लगाई। उन्होंने ट्वीट किया, 'जर्मनी के साथ हमारे व्यापार में व्यापक कमी आई है। इसके अलावा नाटो और सेना के मुद्दे पर उन्हें जो अदा करना चाहिए, उससे बहुत कम अदा किया है। अमेरिका के लिए यह बहुत खराब है...यह बदलेगा।'
हालांकि मर्केल ने यह भी कहा था कि अमेरिका के साथ जर्मनी के रिश्ते व्यापक महत्व वाले हैं, लेकिन अन्य महत्वपूर्ण देशों के साथ भी साझेदारी करनी होगी। उन्होंने कहा, 'हम वैश्वीकरण वाली दुनिया में रहते हैं और भारत एक साझेदार है।' जर्मनी यूरोपियन युनियन में भारत के लिए सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और देश में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का अग्रणी स्रोत है।
आपकी प्रतिक्रिया