कांग्रेस ने काटी गाय, कम्युनिस्टों ने की गौ मांस की पार्टी

Publsihed: 29.May.2017, 12:28

नई दिल्ली | देश भर में मांस कारोबार के लिए मवेशियों (कैटल) की हत्या और इस मकसद से उनकी खरीद-फरोख्त पर बैन लगने के बाद केरल में कांग्रेसऔर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी में गौहत्या करने का मुकाबला शुरू हो गया है | नियम के मुताबिक पशु खरीदने वालों को ये हलफनामा देना होगा कि बेचे जाने वाले जानवरों का वध नहीं किया जाएगा। बिना हलफनामे के पशु बाजार में पशुओं की बिक्री पर रोक लगा दी है। कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी इसी नियम के खिलाफ खुलेआम गौवध कर के विरोध प्रगत कर रहे हैं | कम्युनिस्ट पार्टी तो ठीक है, उस का भारतीय संस्कृति, धर्म से कुछ लेना देना नहीं है , वह हिन्दुओं के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकती है , गौहत्या क्या है | लेकिन गांधी की कांग्रेस केरल में कम्युनिस्टों से भी दो कदम आगे निकल गई | 

यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने अपना विरोध जताने के लिए केरल के कन्नूर में बीच सड़क पर गाय काट दी। यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता गाय काटते वक्त कांग्रेस और यूथ कांग्रेस का झंडा अपने हाथ में लिए हुए थे और केंद्र  सरकार और पीएम मोदी के खिलाफ नारेबाजी भी कर रहे हैं। बीच सड़क पर गाय को काटने का वीडियो भी बनाया गया, जो ट्विटर पर उपलोड किया गया है | इस खबर के साथ गौवध किए जाने की तस्वीरें और साथ में कांग्रेस के उस नेता की तस्त्वीरें भी लगाई गई हैं, यूथ कांग्रेस का यह नेता कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बहुत करीब है | इस खबर के साथ वे तस्वीरें भी हैं, जिन से यह साबित होता है कि गाय काटने का आयोजन करने वाला राहुल गांधी के कितना करीब है | हालांकि पहले कांग्रेस ने कहा कि इस का कांग्रेस से कोई सबंध नहीं , फिर जब पोल खुल गई कि वह तो कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ चुका है टीओ कांग्रेस ने कहा कि उसे पार्टी से निकाल दिया है |

गौहत्या के वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लोग अपने गुस्से का इजहार कर रहे हैं. केरल बीजेपी के सदस्य और पूर्व क्रिकेटर एस श्रीशांत ने भी इस वीडियो पर अपना गुस्सा जताया है. वहीं दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता तेजिंदर पाल बग्गा ने वीडियो को ट्वीट करते हुए कहा है कि कांग्रेस ने केवल यह गाय नहीं काटी है बल्कि देश के सौ करोड़ हिंदुओं की भावनाओं को भड़काने का काम किया है | विवाद खडा होने के बाद  कांग्रेस ने इस पूरे विवाद से खुद को अलग कर लिया है | कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि जो लोग ऐसा कर रहे हैं वो हमारी पार्टी से जुड़े हुए नहीं हैं | पूरे मसले पर कांग्रेस की तरफ से बोलते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है, ‘अगर किसी ने किसी कानून का उल्लंघन किया है तो उसको कानून के अनुसार डील किया जाएगा | कांग्रेस कभी उसका समर्थन नहीं करेगी लेकिन ये प्रमाणित होना भी जरूरी है कि जिसका वीडियो चल रहा है वो कांग्रेस से हैं भी की नहीं | मैं फिर स्पष्ट करना चाहता हूं कि इस तरह की घटना को कांग्रेस के किसी व्यक्ति ने अंजाम दिया है तो तो कांग्रेस उसके समर्थन में नही है | देर रात  कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि केरल में कल (शनिवार) को जो कुछ भी हुआ वह मूर्खतापूर्ण और बर्बर है। उन्होंने कहा, केरल में जो हुआ वह मुझे या कांग्रेस को बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है।.

पिनाराई विजयन ने पीएम मोदी लिखा पत्र

कांग्रेस से आगे निकालने की होड़ में लेफ्ट छात्र संगठन एसएफआई ने राजधानी तिरुवनंतपुरम में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के सामने खुले में बीफ पकाकर खाया | कांग्रेस से आगे निकलते हुए विजयन ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है | पीएम को लिखे पत्र में केरल के मुख्यमंत्री ने कहा है कि मैं आपसे इस मामले में हस्तक्षेप करने की गुजारिश करता हूं | जानवरों की खरीद-बिक्री पर जो नए प्रतिबंध लगाए गए हैं उन्हें हटाने की मांग करता हूं | ताकि देश के लाखों पशुपालकों, किसानों की आजीविका को सुरक्षित किया जा सके और संविधान के मूलभूत सिद्धांतों की रक्षा भी की जा सके | विजयन ने कहा कि केरल में आबादी का बड़ा हिस्सा मांसाहारी है और देश के दक्षिणी और पूर्वोत्तर राज्यों में भी यही स्थिति है | विजयन ने लिखा है, ‘यहां तक असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, जम्मू एवं कश्मीर, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भी शाकाहारियों की अपेक्षा मांसाहारियों की संख्या अधिक है | विजयन ने कहा कि नए नियम लागू करने से पहले राज्यों के साथ चर्चा करनी चाहिए थी |


पी. विजयन ने कहा कि हम क्‍या खाएं क्या नहीं ये दिल्ली या नागपुर से जानने की जरूरत नहीं है। राज्य सरकार अपने राज्य की जनता को उनकी पसंद का हर खाना और सुविधाएं देगी। पी. विजयन ने कहा कि केरल के लोगों को नई दिल्ली और नागपुर में बैठे लोगों से कुछ सीखने की जरूरत नहीं है। बताते चलें कि नागपुर से उनका इशारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से है, जिसका मुख्यालय नागपुर में ही है।

विपक्ष भी साध रहा है केंद्र सरकार पर निशाना
नए नियम को लेकर विरोधी दल भी आवाज उठा रहे हैं | कांग्रेस का कहना है कि ऐसे राज्य जहां गोवध पर बैन नहीं है अगर वहां रोक लगाई जाती है तो वो लोग अपनी प्रतिक्रियाएं तो देंगे ही | जेडीयू ने कहा है कि बीजेपी को छोडकर लेफ्ट फ्रंट और सभी डेमोक्रेटिक फ्रंट के नेता, कार्यकर्ता और अधिकांश जनता इस बैन के खिलाफ है और सरकार को ऐसा कोई कानून बनाने से पहले राज्यों को विश्वास में लेना चाहिए था |

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