इस्लामाबाद | कुलभूषण जाधव की ओर से पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी गयी है | पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के सलाहाकार सरताज अजीज ने इस का खुलासा करते हुए यह भी कहा कि कुलभूषण जाधव के खिलाफ पर्याप्त सबूतउजूद हैं | उल्लेखनीय है कि सरताज अजीज ने ही पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को बताया था कि कुलभूषण के खिलाफ निर्णायक सबूत नही हैं |
अन्तराष्ट्रीय कोर्ट की ओर से कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगाए जाने के बाद पाकिस्तान की सरकार बेहद दबाव में आ गयी है, एक तरफ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का दबाव है तो दूसरी तरफ पाकिस्तान की सेना का दबाव है | अन्तर्राष्ट्रीय दबाव को दरकिनार करते हुए शनिवार को पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री निसार अली ने कहा कि पाकिस्तान कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव के मामले में देश के कानून के अनुसार बर्ताव करेगा, जिसे सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। स्पष्ट है कि सेना के दबाव में पाक सरकार संयुक्त राष्ट्र से पंगा लेने को तैयार है, जबकि अन्तराष्ट्रीय अदालत के निर्देशों कला उलंघन कर कुलभूषण जाधव को फांसी दी गयी तो संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई का फैसला करेगी |
जियो टीवी के अनुसार, मंत्री ने कहा कि उनका देश जाधव मुद्दे को जासूसी मामले के रूप में देखेगा और इसमें पाकिस्तान के कानून के अनुसार ही बर्ताव किया जाएगा। मंत्री ने यह भी कहा कि कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी से पाकिस्तान में कई आतंकी घटनाओं को रोकने में मदद मिली। मंत्री खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में फ्रंटियर कॉर्प्स की परेड के बाद मीडिया से मुखातिब थे। उनका यह बयान अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) द्वारा इस मामले की अंतिम सुनवाई तक जाधव की मौत की सजा पर रोक लगाने के आदेश के बाद आया है। केस हारने के बाद पाकिस्तान ने अपने वकील खावर कुरैशी को हटा दिया है और अटार्नी जनरल अशरफ औसफ अली से कहा गया कि वह हेग में पुनर्विचार याचिका दाखिल करें |
उन्होंने मूल्क अफगानिस्तान के साथ खराब संबंधों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि ‘पाकिस्तान और अफगानिस्तान के दिल एक साथ धड़कते हैं।’ उन्होंने साथ ही चेताया भी काबुल, इस्लामाबाद से ‘भारत की भाषा’ में बात न करे। उन्होंने काबुल से कहा कि पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराने से पहले वह अपने आंतरिक और बाहरी मुद्दों को सुलझाए।
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