मुंबई: महाराष्ट्र के मुस्लिम बहुल मालेगांव में नगर पालिका के चुनाव होने वाले हैं | कांग्रेस राज के समय मालेगांव में हुए बम धमाकों के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने हिन्दू संगठनों पर आरोप लगाया था , लेकिन अदालत एक एक कर उन्हें बरी कर रही है | मालेगांव में हिन्दुओं और मुसलमानों में अविश्वास की गहरी खाई है | भाजपा की केन्द्रीय मोदी सरकार ने ट्रिपल तलाक पर स्पष्ट स्टेंड लेकर मुस्लिम महिलाओं में जगह बनाई है , जिसे वह मालेगांव में टेस्ट करना चाहती है |
इस लिए अपनी रणनीति में भी बदलाव करते हुए भाजपा ने 84 सीटों वाले सदन में 45 से ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवार उतार दिए हैं | चुनाव 24 मई को होंगे | देश में ये पहली मौका है जब बीजेपी ने किसी चुनाव में इतनी बड़ी संख्या में मुसलमानों को टिकट दिया हो | बीजेपी अल्पसंख्यकों के बीच 'मोदी लहर' का भी टेस्ट करना चाहती है.
इतने ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देने की एक वजह यह भी है कि साल 2012 के निकाय चुनाव में बीजेपी ने 24 कैंडिडेट उतारे थे, जिनमें सभी को हार का सामना करना पड़ा था | इतना ही नहीं 12 कैंडिडेट की जमानत भी जब्त हो गई थी. मालेगांव में मुसलमानों की काफी आबादी है | उत्तर प्रदेश के चुनाव में मुस्लिम महिलाओं ने भाजपा के पक्ष में वोट दिए थे |
बीजेपी का मुकाबला कांग्रेस और शिवसेना से है. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भी इस बार मैदान में है और 37 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं | ऐसे में चार बड़ी पार्टियों के बीच टक्कर है | कांग्रेस ने 73 कैंडिडेट मैदान में उतारे हैं तो एनसीपी-जनता दल(सेक्युलर) ने मिलकर 66 कैंडिडेट उतारे हैं | इनके अलावा शिवसेना के 25 कैंडिडेट भी चुनाव लड़ रहे हैं |
आपकी प्रतिक्रिया