नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट और कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस सीएस कर्णन के बीच चल रहे विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस कर्णन को 6 महीने जेल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कर्णन के किसी भी बयान को मीडिया में कहे जाने पर कोर्ट ने रोक लगा दी है।
एससी एसटी एक्ट के तहत दोषी
दरअसल कलकत्ता हाईकोर्ट के जज कर्णन ने एक फैसले में दोषी मानते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जेएस खेहर और 7 अन्य जजों को एससी एसटी एक्ट के तहत पांच साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। ये सभी जज कर्णन पर अवनमानना केस की सुनवाई कर रहे थे। जस्टिस कर्णन ने अपने फैसले में कहा कि ये सभी जज जाति के आधार पर भेदभाव कर रहे थे और इन सभी जजों ने दलित जज का अपमान किया है। ये फैसला जज कर्णन ने अपने अस्थायी निवास पर सुनाया। जज कर्णन का ये फैसला भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी निचली अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के जजों को खिलाफ सजा सुनाई है।
रकम तनख्वाह से वसूलने का आदेश
जस्टिस कर्णन ने सभी जजों पर विभिन्न धाराओं के तहत फैसला सुनाया था। इसके साथ ही कर्णन ने सभी जजों को 1-1 लाख रुपये का जुर्माना भरने का आदेश भी दिया था और अगर कोई जज जुर्माना नही भरता है तो उन्हें छह महीने के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। इसके साथ ही जस्टिस कर्णन का जजों को 14 करोड़ रुपये का जुर्माना भरने का फैसला भी बरकरार रहेगा । कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को आदेश देते हुए कहा था कि जुर्माने की रकम को जजों की तनख्वाह से वसूला जाए।
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