नई दिल्ली | आम आदमी पार्टी के अंदरुनी सूत्रों के अनुसार पार्टी की बंद कमरों में होने वाली बैठकों में यह महसूस किया जा रहा है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी का आकर्षण समाप्त हो गया और मोदी का आकर्षण लौट आया है | इस एहसास के बावजूद ईवीएम मशीनों को अपनी हार का जिम्मेदार ठहराने की रणनीति चुनाव आयोग पर दबाव बनाने के लिए अपनाई गई है ताकि चुनाव आयोग आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों की सदस्यता खत्म करने का कदम नहीं उठाए |
आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों की सदस्यता को रद्द करने की याचिका चुनाव आयोग के पास है जिसमें अपील की गई है कि पार्टी के विधायकों की सदस्यता को रद्द किया जाए। सूत्रों की मानें तो चुनाव आयोग ने अभी तक आम आदमी पार्टी के विधायकों के खिलाफ शिकायत पर राष्ट्रपति को अपना जवाब भेज दिया होगा। हालांकि यह यह भी देखने वाली बात है कि जिस तरह से चुनाव आयोग पर ईवीएम मशीनों को लेकर आम आदमी पार्टी लगातार निशाना साध रही है, क्या आयोग उसके दबाव में आया होगा, अगर आयोग किसी भी दबाव में नहीं आया है तो अब तक उसने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेज दी होगी।
ज्यादा उम्मींद यही है कि 21 विधायकों की सदस्यता खत्म होगी , इस लिहाज से दिल्ली में एक बार फिर से उपचुनाव हो सकते हैं जोकि आप की मुश्किलों को बढ़ा सकती है।ऐसे में अगर आयोग इस अपील को स्वीकार करता है तो एक बार फिर से दिल्ली में उपचुनाव हो सकते हैं। चुनाव आयोग के सूत्रों की मानें तो15 मई के आस-पास आयोग के फैसले का एलान हो जाएगा | आप के 21 विधायकों पर आरोप आरोप है कि उन्होंने नियमों की अनदेखी करते हुए लाभ के पदों को पर खुद को काबिज किया। इन विधायकों को नियमों को ताक पर रखकर लाभ के पद दिए गए |
आम आदमी पार्टी को जिस तरह से दिल्ली के एमसीडी चुनाव में बुरी हार का सामना करना पड़ा है उसके बाद पार्टी की हालत काफी खराब हो गई है, जबकि 21 विधायकों की सदस्यता खत्म होने काद पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ओ एक बार फिर अग्निपरीक्षा में उतरना पडेगा | गुरुवार को आप पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने नेताओं की बैठक बुलाई थी, सूत्रों के मुताबिक़ बैठक में विधायकों ने कहा कि यूपी में बीजेपी की जीत ने दिल्ली एमसीडी चुनाव में वोटरों को प्रभावित किया है। बैठक में हुए शामिल विधायकों का कहना था कि यूपी में बीजेपी की जीत ने पीएम का कद इतना बढ़ा दिया कि इसका मुकाबला करना मुश्किल हो रहा था।
अरविंद केजरीवाल ने एमसीडी चुनाव में जीते अपने 48 पार्षदों से मिले। जहां उन्होंने अपने पार्षदों को भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन और पार्टी को धोखा न देने के लिए शपथ दिलाई। उन्होंने पार्षदों को कहा वह किसी लालच और किसी के दवाब में न आएं |
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