नई दिल्ली। सरकार ने कहा है कि ताजमहल में विदेशी मॉडलों को भगवा स्कार्फ पहनकर दाखिल नहीं होने देने में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) या भारतीय पुरातत्व विभाग (एएसआई) की कोई भूमिका नहीं थी। इन भगवा स्कार्फ पर भगवान राम का नाम लिखा हुआ था। कहा जा रहा है कि बीते हफ्ते कुछ विदेशी मॉडलों को ऐसा स्कार्फ पहनकर आगरा स्थित 17वीं सदी के इस ऐतिहासिक इमारत में दाखिल होने से रोक दिया गया था।
संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय ने एक बयान में कहा है इस मामले में सीआईएसएफ का कोई कर्मी या एएसआई अधिकारी शामिल नहीं है। बयान में कहा गया है, “ताजमहल देखने आने वालों के कपड़ों या स्कार्फ के रंग, धार्मिक डिजाइन या चिन्हों को लेकर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है।” बयान में कहा गया है कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है और एएसआई ने ऐसा कोई सर्कुलर जारी नहीं किया है।
बयान के मुताबिक, सिगरेट, लाइटर, चुइंगम, चाकलेट वगैरह को अमानती समानघर में जमा करा लिया गया लेकिन किसी स्कार्फ को उतारने की कोई बात नहीं कही गई। बयान में कहा गया है, “इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सीआईएसएफ के पास है। इसमें साफ दिख रहा है कि इन पर्यटकों को राम नाम लिखे स्कार्फ को पहनकर ताज परिसर में जाने की इजाजत दी गई थी।”
इसके मुताबिक आगरा के अधीक्षक पुरातत्वविद ने पुष्टि की है कि जो व्यक्ति स्कार्फ एकत्र कर रहा था, वह न तो एएसआई का था न ही सीआईएसएफ का।बयान में कहा गया है, “ऐसा लग रहा है कि इन लोगों को स्कार्फ उतारने के लिए या तो इनके गाइड ने कहा या फिर इन्हीं के समूह के सदस्यों ने कहा। स्थानीय पुलिस को इस मामले को देखने के लिए कहा गया है।”
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