पी.चिदंबरम के इस बयान पर पाकिस्तान में जश्न मनाया जा रहा है, जिस में उन्होंने कहा है कि भारत कश्मीर कश्मीर लगभग खो चुका है | यही बात पाकिस्तान के आतंकी लगा तार कई सालों से कह रहे थे कि कश्मीर में भारत सरकार के खिलाफ विद्रोह चल रहा है और वहां के लोग भारत के अधीन रहने को तैयार नहीं |
पी. चिदंबरम प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के विरोध में यहाँ तक चले गए हैं कि उन्होंने मोदी सरकार की कश्मीर नीति का विरोध करते हुए कहा कि कश्मीर अब लगभग भारत के हाथ से निकल गया है , उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति कांग्रेस के राज में कभी भी पैदा नहीं हुई थी, उन्होंने कहा कि २०१० में हालात बहुत खराब हो गए थे कि उन्होने और उम्र अब्दुल्ला ने मिल कर भारत सरकार की केबिनेट को रणनीति बदलने पर मजबूर किया था, नतीजतन २०१० से २०१४ तक कश्मीर में हिंसा और आतंकवाद में कमी आई थी, यहाँ तक कि मार्च २०१५ तक हालात ठीक थे |
चिदंबरम का यह बयान उन की बारीक राजनीति को स्पष्ट करता है, क्योंकि तब तक कश्मीर में कांग्रेस के समर्थन वाली नॅशनल कान्फ्रेस की सरकार चल रही थी | पी. चादाम्बरम की तरह ही आज नॅशनल कांफ्रेस के नेता फारूख अब्दुला का बयान भी पाकिस्तान के आतंकवादियों और पाकिस्तान सरकार के लिए जश्न मनाने वाला है. फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर क्ले युवक अब आज़ादी चाहते हैं |
केन्द्रीय मंत्री वैंकया नायडू ने पी.चिदमबरम और फारूख अब्दुला की आलोचना करते हुए कहा कि दोनों पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं |
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