राहुल गांधी ने विदेश से लौट कर आज कांग्रेस के वेदना को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस प्र्मुख मोहन भागवत पर जम कर हमले बोले. उन्होने कहा कि वे समझते हैं कि भारत को दो व्यक्ति ही चला सकते हैं, इस लिए वे सभी संसथाओ को समाप्त कर रहे हैं. उन्होने कहा कि संस्थाए देश की आत्मा है, जिसे भाजपा संघ वाले मारना चाहते हैं, अब मोदी ने नोटबंदी कर के 85 साल पुराने रिजर्व बैंक आफ इंडिया को खत्म करने की कोशिश की है.
उन्होने कहा कि नोटबंदी नरेंद्र मोदी का व्यक्तिगत निर्णय था, जिस की दुनिया भर आर्थिक विषेशज्ञो ने आलोचना की है. उन्होने कहा कि मोदी ने नोटबंदी कर के देश को आर्थिक स्थिति को बर्बाद कर के रख दिया. मोदी के सभी कार्यक्र्मो की खिल्ली उडाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि देश में सर्वाधिक बेरोजगारी बढी है. उन्होने कहा कि अच्छे दिन 2019 में तब आएंगे, जब कांग्रेस सत्ता में आएगी.
मोदी को पद्मासन करना नहीन आता
मोदी की खिल्ली उडाते हुए राहुल गांधी ने कहा जिसे योगा करना आता है उसे पद्मासन लगाना भी आता है. मोदी योगा करने का ढोंग करते हैं, उन्होने कहा कि जब मोदी ने योगा की नुमाईश की , तो उन्होने पद्मासन नहीं किया. कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि ‘मैं ज्यादा योग नहीं करता लेकिन मुझे योग शिक्षक ने बताया था कि जो लोग योग करते हैं वो पद्मासन जरुर लगा सकते है, और जो पद्मासन नहीं लगा सकते वो योग नहीं कर सकते.
मित्रो कह कर उतारी नकल
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम कांग्रेस के जनवेदना सम्मेलन को शाम को फिर से संबोधित किया. राहुल ने अपने संबोधन में बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी की स्टाइल को भी निशाने पर लिया. उन्होंने पीएम मोदी की स्टाइल में ही 'मित्रो' शब्द अपने संबोधन में बोलकर पीएम मोदी की नकल उतारी और कार्यकर्ताओं से वाहवाही लूटी.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषण में अक्सर 'मित्रो' शब्द का इस्तेमाल करते हैं. यह शब्द उनका ट्रेडमार्क बन गया है. वह अपने भाषण में कमोबेश हर बार इस शब्द का इस्तेमाल करते हैं लेकिन बुधवार को 'मित्रो' शब्द बोलकर उन्हें पीएम मोदी की नकल उतारी.
दरअसल नोटबंदी के अंतिम दिन 30 दिसंबर को पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में एक बार भी 'मित्रो' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया था. तब 'मित्रो' शब्द ट्विटर पर दिनभर ट्रेंड करता रहा था. सोशल मीडिया पर उस दिन पीएम मोदी पर 'मित्रो' शब्द की जमकर चर्चा हुई थी. हैरानी की बात थी पीएम नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संदेश में इस शब्द का एक बार भी इस्तेमाल नहीं किया था. उसकी जगह प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में 'दोस्तो' शब्द का इस्तेमाल किया. हालांकि 'दोस्तो' शब्द उनके संबोधन में उतना सुनाई नहीं देता.
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