साक्षी महाराज ने चुनाव आयोग के नोटिस पर साक्षी महाराज ने कहा कि उन्होने किसी धर्म का नाम नहीं लिया था, इस लिए नोटिस का कोई औचित्य ही नहीं है. फिर भी नोटिस देना उन का धर्म है, मेरा धर्म नोटिस का जवाब देना है, वह जवाब देंगे. उन्होने कहा कि अंग्रेजी का नोटिस है, उसे पढेंगे. परसो मेरा जन्म दिन है, इस लिए वह कुछ समय ले कर जवाब दे देंगे.
शनिवार को मेरठ के शनिमंदिर में हुए संत समागम में साक्षी महाराज ने कहा था देश की बढती जनसंख्या के लिए वो जिम्मेदार हैं जिनकी चार बीवियां और 40 बच्चे हैं. साक्षी महाराज के इस बयान के खिलाफ दायर शिकायत पर चुनाव आयोग ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी की है. हालांकि साक्षी महाराज के बयान का चुनाव से कोई सम्बंध नहीं था. पर चुनाव आयोग ने इसे चुनाव से जोड लिया.
http://indiagatenews.com/indiagate-se-08011
(पढिए विशेष टिप्पणी :चुनाव आयोग का चंडूखाना )
आयोग का कहना है कि साक्षी की यह टिप्पणी प्रथम दृष्ट्या आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है. आयोग ने साक्षी महाराज को जवाब देने के लिए बुधवार सुबह तक का समय दिया है. आयोग ने उनसे पूछा है कि आखिर उनपर कार्रवाई क्यों न की जाए.
कल रात आयोग की ओर से जारी किए गए नोटिस में कहा गया कि प्रथम दृष्ट्या उन्होंने चार जनवरी से लागू आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है. यह आचार संहिता उत्तरप्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद लागू की गई है.
नोटिस में कहा गया कि उनकी टिप्पणियों में समाज के विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने का प्रभाव है. पिछले सप्ताह संत सम्मेलन में बोलते हुए साक्षी महाराज ने कहा था कि देश में समस्याएं खड़ी हो रही हैं जनसंख्या के कारण. उसके लिए हिंदू जिम्मेदार नहीं हैं. जिम्मेदार तो वो हैं जो चार बीवियों और चालीस बच्चों की बातें करते हैं.
आपकी प्रतिक्रिया