पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्यसभा नोटबंदी पर सवाल उठाने के बाद अब वित्त मामलो की संसदीय समिति की बैठक में भी नोटबंदी को अब तक का सबसे बड़ा कुप्रबंधन बताया. उन्होंने पूछा कि क्या नोटबंदी की तैयारी के लिए मोदी सरकार ने रिजर्व बैंक को पूरा समय दिया था.
नोटबंदी के निर्णय को देख रहे पैनल को मनमोहन सिंह ने सुझाव दिया है कि जब आरबीआई के नए गवर्नर उर्जित पटेल नोटबंदी के संबंध में पैनल के सामने आएं तो वहां सरकारी अधिकारियों की मौजूदगी न हो.
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, 'मुझे नोटबंदी के उद्देश्य को लेकर कोई शिकायत नहीं है, लेकिन नोटबंदी की प्रक्रिया को लेकर मैं जरूर खफा हूं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें 50 दिन का इंतजार करना है, जबकि नोटबंदी जैसे बड़े फैसले से निपटने के लिए यह काफी कम समय है.' उन्होंंने कहा कि नोटबंदी से देश की गरीब जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है. वहीं 60-65 लोगों की मौत भी हो गई है. अधूूरी तैयारी के साथ नोटबंदी के फैसले से देश की जनता का सरकार पर से विश्वास उठ सकता है.
चर्चा के दौरान अर्थशास्त्री राजीव कुमार, महेश व्यास, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एंड पॉलिसी की कविता राव और पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद् प्रणव सेन जैसे विशेषज्ञ मौजूद थे. इस दौरान मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार को पहले पैनल की बात पर गौर करना चाहिए उसके बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर की पर ध्यान देना चाहिए.
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