सरकार पुराने नोटो के बदले नए नोट उपलब्ध करवाने में अभी बहुत पीछे है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सारी प्रक्रिया 50 दिन में पूरी हो जाने का वायदा किया था. दस दिसम्बर तक 12.44 लाख करोड रुपए के रद्द किए गए नोट बैंको में जमा हुए हैं, जबकि आज 15 दिसम्बर तक इस के बदले 5 लाख करोड रुपए के 500-2000 के नए नोट ही उपलब्ध करवाए गए हैं.
यह बात आज खुद आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने संवाददाताओं को बताई. उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक 500 व 2000 रुपये के पांच लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोट जारी कर चुका है और बाकी बचे एक पखवाडे में ढाई लाख करोड के नए नोट और बंको में भेज दिए जाएंगे. उन्होने कहा-"नोटबंदी के कारण बाहर हुए 15 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोटों का लगभग 50 प्रतिशत इस महीने के आखिर तक प्रणाली में नये नोटों के रूप में आ जायेगा"
उन्होंने कहा, ‘वित्त मंत्रालय, रिजर्व बैंक व प्रवर्तन एजेंसियां समन्वय में काम कर रहे हैं ताकि स्थिति सुधरे. हालात लगातार सुधरे हैं। मुझे लगता है कि 500 रुपये के और अधिक नोट प्रचलन में आने से अगले 2-3 सप्ताह में स्थिति में काफी सुधार होगा.’ सरकार ने 500 रुपये के नोटों के मुद्रण का काम तेज किया है। देश भर में दो लाख से अधिक एटीएम पहले ही नये नोट जारी करने के अनुरूप ढाले जा चुके हैं.
दास ने कहा, ‘हमने बैंकों को सलाह दी है कि वे एटीएम में लगातार पैसा डाले और उन्हें खाली नहीं रखें. हम हालात पर लगातार निगाह रखे हुए हैं।’ अप्रचलित नोटों के बैंकों में जमा होने के बारे में उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने 12.5 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा दिया है कि इतने मूल्य के नोट बैंकों में जमा हुए हैं. दास ने कहा, ‘हमने आरबीआई व बैंकों से कहा है कि वे अपने अपने आंकड़ों की दुबारा जांच कर लें.’ रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक 10 दिसंबर तक अमान्य किये गये 500 और 1,000 रुपये के 12.44 लाख करोड़ रुपये के नोट वापस बैंकों में जमा हो चुके हैं।
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