उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की ओर से घोषित की गईं मुख्यमंत्री पद की प्रत्याशी शीला दीक्षित ने हाथ खडे कर दिए हैं. उन्होने कहा कि वह प्रियंका गांधी वाड्रा को राज्य में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवारी बनाना चाहिए और वह उन के पक्ष में उम्मींदवारी छोड़ने के लिए तैयार हैं.
मेल टुडे से बातचीत में शीला ने कहा अगर पार्टी यूपी विधानसभा चुनाव के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा को सीएम पद का उम्मीदवार घोषित करे तो वह खुद पीछे हट जाएंगी.कांग्रेस कार्यकर्ता भी उनका राजनीति में स्वागत करना चाहते हैं. लेकिन आखिरी फैसला खुद प्रियंका को ही करना है कि वह राजनीति में कब आएंगी.
तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकीं शीला दीक्षित ने यूपी में अपने पहले चुनाव को याद करते हुए कि उन्होंने पहली बार कन्नौज से 1984 में चुनाव लड़ा था. उस समय सिर्फ मैदान में दो ही पार्टी सामने थी जिसमें बीजेपी और सपा थीं. लेकिन अब बीएसपी भी है.
शीला ने कहा कि अगर हम यूपी में चुनाव जीतते हैं तो यहां वह सभी योजनाएं लागू की जाएंगी जो कांग्रेस ने पूरे देश में शुरू की थीं. पार्टी की रणनीति पर चर्चा हुए कहा कि हमने राज्य में अभी तक के चुनाव प्रचार में खराब सड़कें, बिजली, पानी और शिक्षा को मुद्दा बनाया है. दिल्ली की पूर्व सीएम हैरत जताते हए कहा कि वाराणसी और कानपुर में कई उद्योग बंद हो चुके हैं जिसकी वजह से यूपी के लोग दिल्ली और मुंबई की ओर पलायन कर रहे हैं. पार्टी के घोषणापत्र चर्चा हुए कहा कि हम इसे हर शख्स की जरूरतों और किसानों के हिसाब से बनाएंगे.
वहीं नोटबंदी के मुद्दे पर केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि इस फैसले के वजह से लोग मर रहे हैं. ऐसा फैसला जल्दबाजी में नहीं लेना चाहिए था. तैयारियां बिलकुल नहीं की गईं थीं. यूपी विधानसभा में ब्राह्मण चेहरे के नाम पर शीला दीक्षित को कांग्रेस ने यूपी का सीएम उम्मीदवार घोषित किया है. कांग्रेस पिछले 27 सालों से राज्य की सत्ता से बाहर है.अगर कांग्रेस इस बार के विधानसभा चुनाव में कोई करिश्मा कर पाती है तो इसका असर 2019 के लोकसभा चुनाव में निश्चित तौर पर देखा जाएगा.
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