राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी संसद में चल रहे हंगामे पर आज पहली बार विपक्ष को आडे हाथो लिया, राष्ट्रपति ने मानसून सत्र के समय भी विपक्ष पर कडे प्रहार किए थे. आज राष्ट्रपति से मिले समर्थन के बाद सत्ता पक्ष के हौंसले बुलंद हो गए, जबकि भाजपा के दो वरिष्ठ नेताओ लाल कृष्ण आडवाणी और शांता कुमार ने सता पक्ष को कटघरे में खडा कर दिया है.
आडवाणी ने बुधवार को कहा था कि सरकार की तरफ से संसद को चलाने के प्रयास नहीं किए जा रहे. आडवाणी ने स्पीकर को भी कटघरे में खडा किया था, आज आडवाणी ने स्पीकर से मुलाकात की, शांता कुमार ने भी स्पीकर से सख्ती बरतने की मांग की है. प्रणव मुखर्जी, लाल कृष्ण आडवाणी और शांता कुमार तीनो को ही बहुत लम्बा संसदीय अनुभव है. संसदीय राजनीति में इन तीनो से वरिष्ठ इस समय और कोई नहीं है.
शीत सत्र करीब करीब खत्म हो गया है, शुक्रवार को वैसे भी काम नहीं होता. सोमवार और मंगल्अअवार को छुट्टी कर दी गई है. अब अगला बुधवार और बृहस्पतिवार ही बचता है. सरकार जी एस टी भी पास नहीं करवा पाई है, इस का मतलब है कि अब जी एस टी अप्रेल में भी लागू नहीं हो पाएगा.
प्रणब मुखर्जी ने तोड़ी चुप्पी
राष्ट्रपति ने कहा है कि भगवान के लिए अपना काम करें और संसद की कार्यवाही चलने दें। इसके साथ-साथ राष्ट्रपति मुखर्जी ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल के पास होने की वकालत भी की है. नोटबंदी पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है। वहीं गुरुवार को नोटबंदी के फैसले को एक महीना पूरा हो गया है। मोदी सरकार के इस फैसले का कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं। संसद में इस मामले पर लगातार जमकर हंगामा हो रहा है। कई दिनों से नोटबंदी के हंगामे की बीच संसद के दोनों सदनों की कार्यवाई रद्द हो रही है.
हंगामा खत्म कराने के लिए आडवाणी की पहल
संसद में जारी हंगामे को खत्म कराने के लिए बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालृष्ण आडवाणी ने पहल की है. गुरुवार को आडवाणी लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन से मिले और गतिरोध खत्म करने के उपायों पर चर्चा की. इससे पहले बुधवार को आडवाणी ने संसद में हो रहे हंगामे पर नाराजगी जताई थी. आडवाणी ने विपक्षी नेताओं पर तो निशाना साधा ही था लोकसभा स्पीकर और संसदीय कार्यमंत्री को लेकर भी नाखुशी जताई थी.
शांता कुमार ने स्पीकर को लिखा पत्र
संसद में हंगामे पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने लोकसभा स्पीकर को चिट्ठी लिखकर कहा है कि हंगामा कर रहे सांसदों के वेतन भत्ते रोके जाएं. शांता कुमार ने मांग की है कि जरूरत हो तो सदन से निकालने की कार्रवाई भी की जाए.
लोकसभा में जेटली का करारा हमला
संसद में नोटबंदी को लेकर हंगामा कर रहे कांग्रेस के सदस्यों पर वित्त मंत्री अरुण जेटली का हमला गुरुवार को दुसरे दिन भी जारी रहा.कल वह राज्यसभा में विपक्ष [पर बरसे थे, गुरुवार को लोकसभा में विपक्ष पर बरसे. जेटली ने कहा कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में दस साल में काले धन के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया. जेटली ने कहा कि यूपीए शासनकाल में देश की अर्थव्यवस्था कमजोर मानी जाती थी. आज काले धन के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए हैं और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है. विपक्ष ने हंगामा जारी रखा. हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही भी दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई.
वैंकेया नायडू ने विपक्ष पर बोला हमला
गुरुवार को भी वेंकैया नायडू ने कहा कि विपक्ष जवाब सुनना नहीं चाहता. विपक्षी दल हमपर आरोप लगा रहे हैं और जब हम जवाब देने के लिए खड़े हो रहे हैं तो कार्यवाही में बाधा डाली जा रही है. ऐसे कैसे संसद का कामकाज चलेगा। जेटली ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि यूपीए शासनकाल में काले धन के खिलाफ एक कदम भी नहीं उठाया गया.
विपक्ष का ‘ब्लैक डे’, राहुल का प्रहार
गुरुवार को कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल ब्लैक डे मना रहे हैं। संसद परिसर में विपक्षी नेताओं ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि पीएम नोटबंदी के मामले पर संसद में चर्चा से बचने के लिए भाग रहे हैं और हम उन्हें भागने नहीं देंगे।
गरीबों को सबसे ज्यादा नुकसान: राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार खुद स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने नोटबंदी का फैसला किसलिए लिया। पहले कहा कि आतंकवादियों को मिल रहे पैसे को रोकने के लिए लेकिन आतंकियों के पास से नए नोट मिल रहे हैं। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि कैशलेस इकोनॉमी के नाम पर पीएम मोदी कुछ बड़ी कंपनियों को लाभ पहुंचा रहे हैं। इस फैसले से सबसे ज्यादा नुकसान गरीब लोगों को हुआ। सारा कामकाज, कारोबार ठप्प पड़ा हुआ है।
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