वाराणसी संसदीय सीट से सांसद चुने गए पीएम नरेंद्र मोदी का निर्वाचन रद्द कर वहां नये सिरे से चुनाव कराए जाने की मांग वाली अर्जी पर सुनवाई पूरी होने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ओपन कोर्ट में फैसला लिखाना शुरू किया।
फैसले में सिर्फ यह तय होना था कि पीएम मोदी के खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले विधायक अजय राय की अर्जी पर आगे सुनवाई की जाएगी या फिर ठोस तथ्यों के अभाव में उसे खारिज कर दिया जाएगा।
इससे पहले पीएम मोदी की तरफ से हाईकोर्ट पहुंची सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की बड़ी फ़ौज ने अजय राय की अर्जी को आधारहीन बताते हुए अदालत से इसे खारिज किये जाने की मांग की थी। पीएम मोदी की तरफ से अदालत में कहा गया कि महज पत्नी की आय व संपत्ति का ब्योरा नहीं देने के आधार पर निर्वाचन रद्द नहीं किया जा सकता है।
हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद चौबीस नवम्बर को अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था। आपको बता दें कि वाराणसी सीट से पीएम मोदी के खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले अजय राय ने साल 2014 के जुलाई महीने में इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर सांसद नरेंद्र मोदी पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए उनका निर्वाचन रद्द किये जाने की अपील की थी।
अजय राय की अर्जी में आरोप लगाया था कि पीएम मोदी ने वाराणसी सीट से भरे नॉमिनेशन पेपर में अपनी पत्नी जशोदाबेन की आय व सम्पत्तियों का ब्यौरा नहीं दिया था। इसके अलावा उन्होंने चुनाव में तय रकम से ज़्यादा खर्च किया। साथ ही साड़ी, टोपियां व गमछे बांटकर वोटरों को भी प्रभावित किया। अर्जी में उनका निर्वाचन रद्द कर वाराणसी सीट पर नये सिरे से चुनाव कराए जाने का आदेश दिए जाने की मांग की गई थी।
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