पाकिस्तान की बलूचिस्तान हाई कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपित जनरल परवेज मुशर्रफ के खिलाफ गिरफ्तारी का वॉरंट जारी किया है. 2006 में एक मिलिट्री ऑपरेशन में तत्कालीन सैनिक शासक परवेज मुशर्रफ ने ब्लूचिस्तान के लोकप्रिय नेता ऐंव सतंत्रता सेनानी नवाब अकबर बुगती की हत्या करवा दी थी.
आतंकवादरोधी कोर्ट ने इस मामले में मुशर्रफ को बरी कर दिया था जिसके बाद अकबर बुगती के बेटे नवाबजादा जमील बुगती ने इस मामले में एक रिव्यू पिटिशन डाली थी. बलूचिस्तान हाई कोर्ट की डिविजनल बेंच ने यह आदेश उसी रिव्यू पिटिशन के बाद जारी किया है. जस्टिस जमाल मंडोखैल और जस्टिस जहीरुद्दीन काकर इस रिव्यू पिटिशन की सुनवाई कर रहे हैं. उधर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से ब्लूचिस्तान के सवतंत्रता संग्राम का समर्थन किए जाने के बाद ब्लूचिस्तान में आंदोलन तेज हो गया है. ब्लूच पाकिस्तान के खिलाफ विद्रोह पर उतारू हैं. ऐसे समय में अदालत जनभावनाओ की अनदेखी नहीं कर सकती थी.
सुनवाई के दौरान मुशर्रफ के वकील अख्तर शाह ने कहा कि मुशर्रफ कोर्ट का सम्मान करते हैं लेकिन सुरक्षा कारणों से वो कोर्ट में पेश नहीं हो सकते.हालांकि इस से पहले वह मुशर्रफ की बीमारी का बहाना लगाते रहे थे. बुगती के वकील ने कोर्ट में शिकायत की थी कि कोर्ट के कई आदेश दिए जाने के बावजूद मुशर्रफ कोर्ट में पेश नहीं हो रहे हैं. कोर्ट ने अपने आदेश में प्रशासन को निर्देश देते हुए कहा कि जब भी मुशर्रफ कोर्ट में पेश हों और उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जाए. इससे पहले, पाकिस्तान सरकार ने मार्च में मुशर्रफ को इलाज के लिए विेदेश जाने की इजाजत दे दी थी.
मुशर्रफ फिलहाल दुबई में हैं.बलूच नेता अकबर बुगती की कोहलू जिले में 26 अगस्त 2006 को तारातनी की पहाड़ियों में घेरकर हत्या कर दी गई थी. बुगती ने बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों के फायदों से बलूचिस्तान को मरहूम रखने के खिलाफ एक अभियान छेड़ रखा था और बलूचिस्तान की स्वतंत्रता के लिए आंदोलन चला रहे थे. बुगती की मौत के बाद पाकिस्तान में कई जगह विरोध प्रदर्शन हुए थे. भारत पाक बंटवारे के समय ब्लूचिस्तान स्वतंत्र देश था, जिस पर बाद में पाकिस्तानी सेना ने ब्लात कब्जा कर लिया था, इस कब्जे के खिलाफ उसी दिन से आंदोलन चल रहा है.
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