लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को कहा कि जिनके पास कालाधन है, वही नोटबंदी पर हाय-तौबा मचा रहे हैं.उन्होने कहा कि काला धन,काला धन कह कर मेरे बचे खुचे बाल नोच लिए थे, अब जब हम ने कार्रवाई की है तो हाय-तोबा मचा रहे हैं.
लखनऊ में ‘यूपी के मन की बात’ कार्यक्रम में शाह ने कहा कि भारत को दुनिया की प्रथम पंक्ति का देश बनाना है. हम ऐसा भारत बनाना चाहते हैं, जिसकी सेना सबसे आधुनिक और ताकतवर हो. जिन लोगों के पास आज काला धन है, वही सबसे ज्यादा हाय-तौबा मचा रहे हैं.
शाह ने कहा कि जिन लोगों ने सरकार की बात नहीं मानी और काला धन घोषित नहीं किया, अब उनकी हालत खराब हो गई है. सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे युवा उप्र के हैं, लेकिन जितना विकास यहां होना चाहिए, नहीं हुआ है.
शाह ने कहा कि जिस विकास में गरीबों को समावेशित नहीं किया जा सके, उस विकास का कोई मतलब नहीं है. उप्र में यही स्थिति है. हमारी सरकार ‘रिफर्म’ में नहीं ‘ट्रांसफॉर्म’ में विश्वास करती है. हमारे लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हैं, देश कैसा हो यह आपको तय करना है, पूरा लोकतंत्र जातिवाद से ग्रस्त है.
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि ज्यादातर पार्टियां परिवार की पार्टियां हो गई हैं. उनमें बेटा पैदा होते ही नेता तय हो जाता है. जातिवाद और परिवारवाद ने राजनीति में परफॉर्मेस और जवाबदेही को कम किया है.
शाह ने कहा कि मैं मानता हूं, जब तक उप्र में विकास नहीं होगा, देश का विकास नहीं हो सकता. शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली जैसी आधारभूत जरूरतों को जमीन तक पहुंचाने का काम राज्य सरकार का होता है. शाह ने कहा कि हम एक ऐसा भारत बनाना चाहते है, जहां हर गांव में 24 घंटे बिजली हो. देश में जितने भी परिवर्तन हुए हैं, देश के युवाओं ने किए हैं.
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