जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी के जिस लापता छात्र नजीब अहमद को ले कर विपक्ष के नेताओ ने जेएनयू को अपनी राजनीति का अड्डा बना रखा है, उस के बारे में नया रहस्य चौकाने वाला है. खुलासा यह है कि मोदी सरकार के खिलाफ एक नया राष्ट्रव्यापी मुद्दा बनाने की रणनीति के तहत उस का अपहरण कर के चापा रखा है. वह कुछ दिन पहले उसका अपहरण करने वालो के चंगुल से भाग जाने में कामयाब भी हुआ था, लेकिन सम्भवत: फिर से अपहरण कर्तायो के चंगुल में फंस चौका है.
इस सम्बंध में एक अहम सुराग दिल्ली पुलिस को मिला है. अलीगढ की एक महिला ने दावा किया है कि उसने अलीगढ़ में नजीब अहमद को देखा है. महिला ने वसंत कुंज नॉर्थ थाने में पत्र भेजकर इसकी जानकारी दी है. महिला ने चिट्टी में लिखा है कि उसने नजीब को अलीगढ़ के एक मार्केट में देखा था और वह सुरक्षित है. महिला ने पत्र में लिखा है कि उसे यहां बंद करके रखा गया था और वह भागकर किसी तरह बाजार पहुंच गया. उस महिला ने चिट्ठी में अपना पता भी दिया है ताकि उससे संपर्क करके पुलिस नजीब को ढूंढने में उसकी मदद ले सके और उसने जो कुछ भी देखा है उसकी सूचना पुलिस को मिलकर भी दे सके.
जेएनयू का छात्र नजीब अहमद विश्वविद्यालय के हास्टल से गायब हो गया था. तभी से जेएनयू के छात्र लगातार उसे ढूंढने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस की कई टीमें उसे ढूंढने की कोशिश कर रही हैं लेकिन अभी तक उसका पता नहीं चल सका है. उसका पता बताने वाले को पुलिस ने इनाम देने की भी घोषणा की है. इसके पहले भी नजीब के गुमशुदगी के बाद उसे अंतिम बार जामिया में ही देखे जाने की बात कही गई थी. क्राइम ब्रांच ने भी यह दावा किया था कि उसने उस आटो चालक का पता लगा लिया है जिसकी आटो में बैठकर वह जामिया गया था.
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