सतलुज यमुना लिंक विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सतलूज-यमुना लिंक पर निर्माण कार्य जारी रहेगा.. इस फैसले से हताश पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने विवादास्पद बयान दिया है. सीएम बादल ने कहा है कि हम अपना खून बहा देंगे लेकिन किसी भी राज्य को पानी नहीं देंगे. तीन दशक से चल रहा है सतलुुज लिंक विवाद।
2004 में तत्कालीन राष्ट्रपति ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से सलाह मांगी थी और उसी पर सर्वोच्च अदालत फैसला आया है. इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने फैसले से ठीक पहले कहा, ‘अगर अदालत का फैसला हमारे खिलाफ आया तो पानी नहीं, अपने खून का एक-एक कतरा बहा देंगे"
सुनवाई करने वाले जज हो रहे हैं 18 नवंबर को रिटायर
न्यायमूर्ति ए आर दवे की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय एक संविधान पीठ ने 12 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. दरअसल, केंद्र ने 2004 के अपने रुख को कायम रखा था, जिसके तहत मामले से जुड़े राज्यों को खुद अपने विवादों को सुलझाना चाहिए. जस्टिस दवे 18 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं, इस लिए आज फैसला सुना दिया गया.
केंद्र ने कहा- हम किसी की तरफदारी नहीं कर रहे
पंजाब और हरियाणा की नदियों को जोड़ने वाली इस प्रस्तावित नहर को लेकर पिछले तीन दशक से विवाद चल रहा है। केंद्र ने कहा कि वह किसी का पक्ष नहीं ले रहा और इस विषय में एक तटस्थ रुख कायम किया हुआ है, जिसमें न्यायालय ने अन्य राज्यों राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और जम्मू कश्मीर का रुख दर्ज किया है।
हरियाणा सरकार ने दायर की थी याचिका
मामले में सुनवाई के दौरान पंजाब विधानसभा ने नहर के निर्माण के लिए अपने क्षेत्र में पड़ने वाली जमीन को लौटाने का एक कानून पारित किया था, जबकि हरियाणा सरकार ने शीर्ष न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था जिसने यथास्थिति कायम रखने का निर्देश दिया था। न्यायालय ने गृह सचिव और पंजाब के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नहर की जमीन और अन्य संपत्ति का संयुक्त प्राप्तकर्ता नियुक्त किया था।
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